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उप्र, बिहार में बाढ़ से बढ़ीं मुसीबतें, कश्मीर की वादी में बर्फबारी

उफनाई नदियों का जलस्तर अब उत्तर प्रदेश में घटने लगा है। लेकिन, बाढ़ग्रस्त इलाकों में संक्रामक रोगों ने दस्तक दे दी है। यहां के बलरामपुर में संक्रामक रोग की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई। संक्रमाक रोगों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उधर बिहार में दो और जिले बाढ़ की चपेट में आ गए। बलरामपुर

By Edited By: Published: Sun, 24 Aug 2014 12:45 AM (IST)Updated: Sun, 24 Aug 2014 12:45 AM (IST)
उप्र, बिहार में बाढ़ से बढ़ीं मुसीबतें, कश्मीर की वादी में बर्फबारी

जेएनएन, नई दिल्ली। उफनाई नदियों का जलस्तर अब उत्तर प्रदेश में घटने लगा है। लेकिन, बाढ़ग्रस्त इलाकों में संक्रामक रोगों ने दस्तक दे दी है। यहां के बलरामपुर में संक्रामक रोग की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई। संक्रमाक रोगों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उधर, बिहार में दो और जिले बाढ़ की चपेट में आ गए।

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बलरामपुर में राप्ती का जलस्तर लाल निशान से नीचे आ गया है। इसके बाद भी बलरामपुर, उतरौला तहसील, पचपेड़वा ब्लाक व गैंसड़ी में बाढ़ का कहर जारी है। जलजमाव से करीब एक हजार एकड़ में लगी फसलें सड़ने लगी हैं। बहराइच में बाढ़ में मरने वालों की संख्या 26 हो गई है। पानी उतने के कारण बाराबंकी में घाघरा की बाढ़ से अवरुद्ध बाराबंकी से बहराइच गोंडा जाने वाले मार्ग को शनिवार से खोल दिया गया है। आजमगढ़ में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ना तो बंद हो गया है लेकिन अब भी पानी खतरा बिंदु से ऊपर है। आजमगढ़ में राहत सामग्री व राहत कार्य मुहैया कराए जाने को लेकर बाढ़ पीड़ितों ने शनिवार को महराजगंज-सहदेवगंज मार्ग को जाम कर दिया। सिद्धार्थनगर जिले में बूढ़ी राप्ती का कहर से 40 गांव प्रभावित हैं। बस्ती में 176 गांवों से बाढ़ का पानी धीरे-धीरे निकल रहा है। गोरखपुर में छह गांवाें में पानी भरा हुआ है।

जम्मू-कश्मीर की वादी में शुक्रवार देर रात फिर तूफान के साथ बारिश व ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। इसके चलते न केवल खड़ी फसलें नष्ट हुईं बल्कि दर्जनों रिहायशी मकान, बिजली के खंभों और पेड़ों को भी क्षति पहुंची है। सरकार ने नुकसान की समीक्षा के लिए टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। शनिवार को भी वादी के अधिकांश इलाकों में रुक-रुक कर बारिश जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में दोपहर तक हलकी बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। शोपियां व पुलवामा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वहां आंधी व ओलावृष्टि से 70 फीसद खड़ी फसलें नष्ट हो गई।

नई दिल्ली में शनिवार को भी उमस भरी गर्मी तथा दिन में तेज धूप रही। इस वर्ष 23 अगस्त विगत पांच वर्षो के दौरान सबसे अधिक गर्म दिन रहा। शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस रहा। उधर पंजाब और हरियाणा में भी शनिवार को गर्मी का प्रकोप जारी रहा। हरियाणा में हिसार 39.8 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म रहा। पंजाब में पटियाला 37.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म रहा। अलबत्ता राजस्थान के कोटा और उदयपुर मंडल छिटपुट बारिश रिकार्ड की गई।

बिहार में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को दो और जिले (भागलपुर और मधेपुरा) इसकी चपेट में आ गए। अब बाढ़ से जूझते जिलों की तादाद 16 हो गई है। यहां करीब 18 लाख की आबादी बाढ़ का दंश झेलने को विवश है।

बिहार में नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है, मगर पानी का फैलाव दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। पटना, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, शिवहर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, शेखपुरा, सीतामढ़ी, गोपालगंज, अररिया, खगड़िया और भागलपुर जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इन जिलों के 85 प्रखंडों की 473 पंचायतों के 1367 गांव प्रभावित हैं।

मृतकों के आश्रितों को मिलेंगे दो-दो लाख रुपये

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और ओडिशा में बाढ़ के कारण मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये मृतक आश्रितों को देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त गंभीर रूप से घायलों को पचास हजार रुपये देने की घोषणा भी की गई है। याद रहे कि अकेले उत्तर प्रदेश में बाढ़ के कारण 89 लोगों की मौत हो चुकी है।

पढ़े : उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने बिगाड़े हालात


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