चेक बाउंस में जुर्माने की रकम दोगुनी से अधिक नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतें चेक बाउंस मामले में उस चेक की राशि से दोगुना से अधिक जुर्माना नहीं लगा सकतीं हैं। शीर्ष अदालत के मुताबिक, इस सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता और इसका आदर किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतें चेक बाउंस मामले में उस चेक की राशि से दोगुना से अधिक जुर्माना नहीं लगा सकतीं हैं। शीर्ष अदालत के मुताबिक, इस सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता और इसका आदर किया जाना चाहिए।
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न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और विक्रमजीत सेन की पीठ ने कहा कि पहली और सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि जुर्माना लगाने के अधिकार को कानून के तहत चेक की राशि के दोगुना तक ही सीमित रखा गया है। जिस मामले में अदालत आरोपी के पक्ष में नरम रुख अपनाकर उसे जेल नहीं भेजती, उसमें भी वह चेक की राशि के दोगुने से ज्यादा जुर्माना नहीं लगा सकती।
शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए यह आदेश दिया। हाई कोर्ट ने सोमनाथ सरकार नाम के एक व्यक्ति पर 69 हजार 500 रुपये का चेक बाउंस होने पर एक लाख 49 हजार 500 रुपये भुगतान करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में निचली अदालत ने उसे छह माह जेल के साथ चेक बाउंस होने के मामले में 80 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ आरोपी सोमनाथ ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने इसके अलावा अलग से 69 हजार 500 रुपये भुगतान करने का निर्देश दे दिया और जेल की सजा खत्म कर दी।
इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए दया याचिका दायर की थी कि वह इतनी बड़ी रकम अदा करने में असमर्थ है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का आदेश दरकिनार रते हुए जुर्माने की राशि को 69 हजार 500 से घटाकर 20 हजार रुपये कर दिया।
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