पुलिस और जांच अधिकारी को गुमराह करते रहे तलवार दंपती
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में शुक्रवार को अदालत में सीबीआइ के अधिवक्ता वीके सिंह ने तलवार दंपति पर तथ्य छुपाने और जांच में पुलिस को गुमराह करने का आरोप ल ...और पढ़ें

गाजियाबाद [जागरण संवाददाता]। आरुषि-हेमराज हत्याकांड में शुक्रवार को अदालत में सीबीआइ के अधिवक्ता वीके सिंह ने तलवार दंपती पर तथ्य छुपाने और जांच में पुलिस को गुमराह करने का आरोप लगाया। वीके सिंह ने कहा कि डा. राजेश तलवार ने थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई। हेमराज का शव छत पर मिलने के बाद उसे पहचानने से भी इन्कार कर दिया।
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस लाल की अदालत में बृहस्पतिवार से अंतिम बहस शुरू हो गई है। अंतिम बहस के दूसरे दिन सीबीआइ के अधिवक्ता ने नोएडा सेक्टर-20 थाने में डा. राजेश तलवार द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर को पढ़ा। तहरीर में डा.राजेश तलवार ने लिखा है कि घर में हमारे साथ हमारा घरेलू सहायक हेमराज रहता था। मैं जब सुबह उठा तो बेटी मृत मिली और घरेलू सहायक रात से फरार था।
सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि डा. राजेश तलवार को हेमराज की हत्या के बारे में भी पता था। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी दाताराम नानौरिया ने जब राजेश तलवार से छत की चाबी मांगी तो उन्होंने कहा कि ताले के चक्कर में मत पड़ो और हेमराज को ढूंढो, नहीं तो वह भाग जाएगा।
17 मई की सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर राजेश तलवार ने थाने के हेड मोहर्रिर को फोन कर कहा कि छत की तलाशी ली जाए। छत की तलाशी लेने पर पुलिस को हेमराज का शव मिला। राजेश तलवार और उसके भाई दिनेश तलवार ने हेमराज के शव को पहचानने से इन्कार कर दिया था। जबकि मौके पर मौजूद दो अन्य लोगों ने हेमराज की पहचान की।
आरुषि के कमरे में मिले वैलेंटाइन विस्की की बोतल पर मिले खून के निशान आरुषि और हेमराज के थे। बीके सिंह के बहस के बाद अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की अगली तारीख लगाई।
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