'लड़कियों को बेचते हैं, रेप करते हैं, बदल देते हैं धर्म'
आतंकियों की गिरफ्त से छूटकर अपने घर पहुंची किशोरी ने अपने साथ-साथ उन तमाम लड़कियों का दर्द बयां किया है जो अब भी आतंकियों के साए में हैं।
बगदाद। आतंकी संगठन आईएसआईएस की यातनाएं झेलकर यज़ीदी संप्रदाय की 15 साल की किशोरी ने वहां से भागने का रास्ता तलाश लिया। आतंकियों की गिरफ्त से छूटकर अपने घर पहुंची किशोरी ने अपने साथ-साथ उन तमाम लड़कियों का दर्द बयां किया है जो अब भी आतंकियों के साए में हैं।
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किशोरी ने बताया कि अपहरण के बाद आतंकी सभी लड़कियों को इराक की कई जगहों पर घुमाते रहे। इसके बाद लड़कियों को सीरिया ले जाया गया। वहां लड़कियों की बोली लगाई गई। पीड़ित किशोरी को फिलीस्तीनी आदमी ने खरीद लिया। वहां किशोरी के हाथ पिस्टल लग गई। किशोरी फिलीस्तीनी आदमी को गोली मारकर वहां से भाग निकली। लेकिन उसके पास सिर छिपाने के लिए आश्रय नहीं था। वो फिर वहीं पहुंच गई जहां लड़कियों को बंधक बनाया गया था। किशोरी को दोबारा बेचा गया। अब उसे एक मुस्लिम फौजी ने खरीदा था। फौजी किशोरी का धर्म परिवर्तन करना चा हता था। फौजी को ड्रग का ओवरडोज देकर किशोरी उसके चंगुल से भी छूट भागी। एक अच्छे इंसान की मदद से वो अपने घर इराक पहुंची।
किशोरी ने कहा, उन्हें जहन्नुम से निकालो
एएनआई से बातचीत करते हुए किशोरी ने कहा कि आतंकियों के चंगुल में 100 से ज्यादा लड़कियां हैं। उनमें पांच साल तक की छोटी बच्चियां भी हैं। उन्हें जहन्नुम से निकालो। किशोरी ने मिहलाओं के अधिकार के लिए काम करने वाली संस्थाओं से उन लड़कियों की मदद की गुहार लगाई है। किशोरी ने कहा कि आतंकी बच्चियों को भी बेचने में जरा सा संकोच नहीं करते। सभी का धर्म बदल देते हैं।
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