राजे अौर राजकुमारी में ठनी, मशहूर पांच सितारा राजमहल पैलेस सील
जयपुर के पूर्व राजपरिवार से जुड़ी 12 बीघा जमीन को भी कब्जे में ले लिया। इस जमीन की कीमत करीब 500 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
नई दुनिया, जयपुर। शहर के मशहूर एवं महंगे होटलों में शुमार पांच सितारा राजमहल पैलेस को बुधवार सुबह जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने सील कर दिया। इतना ही नहीं साथ लगती जयपुर के पूर्व राजपरिवार से जुड़ी 12 बीघा जमीन को कब्जे में ले लिया। इस जमीन की कीमत करीब 500 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की टीम सुबह छह बजे पहुंची, उस समय राजघराने के लोग सो रहे थे। प्राधिकरण के 100 से ज्यादा अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की टीम ने घरों से सामान निकालकर पुरानी हवेलियों को तोड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान हंगामा शुरू हो गया। कार्रवाई का राजपरिवार की सदस्य और भाजपा विधायक दीया कुमारी ने विरोध किया। अधिकारियों और दीया कुमारी में नोकझोंक हुई। दीया कुमारी ने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है।
सरकार और राज परिवार का विवाद
जयपुर के सबसे महंगे इलाके की इस बेशकीमती जमीन को लेकर सरकार और राजपरिवार में विवाद चल रहा है। सरकार 1993 में इस जमीन को अधिग्रहीत कर चुकी है और मुआवजा कोर्ट में जमा करा चुकी है। इसी आधार पर अधिकारी बुधवार सुबह 6 बजे कब्जा लेने पहुंच गए। दीया ने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार खाली जमीन पर मॉल बनाना चाहती है।
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राजपरिवार के लोगों में भी चल रहा केस
इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर राजपरिवार के सदस्यों के बीच भी कोर्ट केस चल रहा था और कोर्ट ने 2011 में जमीन का मालिकाना हक दीया कुमारी के पिता जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह के नाम कर दिया था। सरकार ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है।
महारानी व राजकुमारी में खटास
सियासी हलकों में चर्चा है कि आखिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और दीया कुमारी की दोस्ती में क्या हो गया जो कब्जा लेने तक की नौबत आ गई। वसुंधरा राजे ने ही जयपुर की राज कुमारी को भाजपा का टिकट देकर सवाई माधोपुर से विधायक बनवाया है।
1729 में बना था पैलेस
राजमहल पैलेस को 1729 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपनी रानी चंद्रकंवर राणावत के लिए बनवाया था। 1821 में यह ब्रिटिश अधिकारियों के अधीन चला गया। तब इसे रेजीडेंसी नाम दिया गया। 1958 में महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय ने इसे राजपरिवार का आधिकारिक निवास बनाया। इस पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, लेडी माउंटबेटन समेत ईरान के शाह रह चुके हैं।
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