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रोजगार के अवसर पैदा करने पर होगा त्रिवर्षीय कार्य योजना का जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल रविवार को होने वाली बैठक में त्रिवर्षीय कार्य योजना को अंतिम रूप देगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 10:08 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 10:08 PM (IST)
रोजगार के अवसर पैदा करने पर होगा त्रिवर्षीय कार्य योजना का जोर
रोजगार के अवसर पैदा करने पर होगा त्रिवर्षीय कार्य योजना का जोर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश की विकास दर में तेजी का लाभ युवाओं को नौकरी के बढ़े हुए अवसरों के रूप में मिले, इसके लिए सरकार रोजगार सृजन की एक व्यापक योजना तैयार करने जा रही है। नीति आयोग ने देश के विकास की त्रिवर्षीय कार्ययोजना तैयार की है जिसमें रोजगार सृजन पर खासा जोर दिया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल रविवार को होने वाली बैठक में त्रिवर्षीय कार्य योजना को अंतिम रूप देगी। साथ ही सात वर्षीय रणनीति और 15 वर्षीय विजन दस्तावेज का मसौदा भी तैयार करेगी जो पीएम के 'न्यू इंडिया' विजन का आधार बनेगा।

सूत्रों ने कहा कि त्रिवर्षीय कार्ययोजना में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए टैक्सटाइल, फुटवीयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया जाएगा। खासकर पर्यटन के क्षेत्र में मार्च 2019 तक 50 सर्किट विकसित करने पर जोर रहेगा। साथ ही आवास सहित ढांचागत क्षेत्र में भी नौकरियों के सृजन पर भी जोर रहेगा।

असल में रोजगार सृजन पर जोर देने की जरूरत इसलिए है कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में विकास दर लगातार कई साल 9 फीसदी से ऊपर रहने के बावजूद नौकरियां नहीं बढ़ी थीं। इसलिए यूपीए सरकार पर जॉबलैस ग्रोथ का आरोप लगा था। खुद श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2013-14 में नौकरी की तलाश करने वाले 15 से अधिक के लोगों में मात्र 60 प्रतिशत ही लोग ऐसे थे जिन्हें पूरे साल काम मिला। इस तरह 40 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें पूरे 12 महीने का काम नहीं मिला। उन्हें एक-दो महीने काम करने का ही मौका मिला। वहीं 3.7 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें कोई काम ही नहीं मिला।

खासकर पढ़े लिखे लोगों में यह प्रतिशत अधिक था। यही वजह है कि भाजपा ने 2014 के आम चुनाव से पूर्व अपने घोषणापत्र में नौकरियों के सृजन पर खासा जोर दिया। हालांकि बीते तीन वर्ष में विकास दर का स्तर सात प्रतिशत से ऊपर रहने के बावजूद रोजगार के अवसरों में अपेक्षानुरूप वृद्धि नहीं हुई है। यही वजह है कि अब रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि त्रिवर्षीय कार्ययोजना में क्षेत्र आधारित उपायों के साथ-साथ कौशल विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को भी प्रभावी बनाने की रणनीति इसमंे सुझाई जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि नीति आयेाग की गवर्निग काउंसिल में आयेाग के उपाध्यक्ष त्रिवर्षीय कार्ययोजना के साथ-साथ सात वर्षीय रणनीति और 15 वर्षीय विजन दस्तावेज पर भी प्रजेंटेशन देंगे। विजन दस्तावेज में पीएम के 'न्यू इंडिया' के विचार को मूर्तरूप देने की योजना पेश की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 'न्यू इंडिया' बनाने का आह्वान किया है।

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