ट्रंप के भारत प्रेम का व्हाइट हाउस के फैसलों पर दिख सकता है असर
ट्रंप के भारत प्रेम का असर व्हाइट हाउस के फैसलों पर भी दिख सकता है ।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। अमेरिकी राजनीतिक पंडितों को गलत साबित करते हुए अमेरिका के नए चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए भी विशेष मायने रखेगी। खासकर यह देखते हुए कि निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनाव से ठीक पहले खुले तौर पर अपने को भारत प्रेमी के रुप में पेश किया था।
साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि था कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के संबंध हर क्षेत्र में नई उड़ान भरेंगे। वैसे ट्रंप का यह प्रेम केवल जुबानी नहीं बल्कि अरबपति कारोबारी के रूप में भारत से व्यापारिक रिश्ता भी रहा है।
पढ़ें- ट्रंप की नीतियों पर होगी भारत के नीति निर्धारकों की नजर
रियल इस्टेट के अमेरिका में बड़े शहंशाह माने जाने वाले टं्रप का पुणे और गुडगांव में प्रोजेक्ट चल रहा है। बताया जाता है कि पुणे के प्रोजेक्ट में दिक्कतों को लेकर टं्रप के बेटे ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से मुलाकात कर अड़चन दूर करने का आग्रह भी किया था। गुडगांव का उनका ट्रंप टावर निर्माणाधीन है।
डोनाल्ड ट्रंप वैचारिक धरातल पर भी भारत की मौजूदा मोदी सरकार से अपने को ज्यादा करीब बताते रहे हैं। इस लिहाज से माना जा रहा कि ट्रंप के साथ रिश्तों की इस सीधी और वैचारिक बुनियाद की झलक व्हाइट हाउस में उनके आने के बाद और प्रखर रुप से सामने आएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मतदान से तीन हफ्ते पहले न्यूजर्सी में भारतीयों के एक सम्मेलन में शिरकत करते हुए खुद ट्रंप ने भारत से जुड़ाव को लेकर कई बातें कही।
इसी दौरान ट्रंप ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए उनके साथ मिलकर भारत-अमेरिका रिश्तों को और मजबूती देने की बात कही थी। उन्होंने मोदी के आर्थिक और प्रशासनिक फैसलों की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक शानदार नेता करार दिया था और मिलकर काम करने की इच्छा भी जताई थी।
तस्वीरें: अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के जीवन से जुड़े अनछुए पहलू -
आतंकवाद पर उनका रुख वैसे भी भारत को भाता है। भारतीयों के बीच अमेरिका पर 9/11 का जिक्र करने के दौरान उन्होंने भारत की संसद पर हुए आतंकी हमले और मुंबई आतंकी हमले का जिक्र कर कहा कि आतंक के क्रूर स्वरुप का भारत भी सीधा भुक्तभोगी रहा है। इसलिए भारत और अमेरिका दोनों मिलकर इस कट्टरपंथी आतंक का खात्मा करेंगे। ट्रंप ने अमेरिका में प्रभावशाली भारतीय समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए इस निकटता को और बढ़ाने का भरोसा देते हुए यह भी कहा था कि वे राष्ट्रपति बने तो व्हाइट हाउस पहले से अधिक भारत केन्दि्रत नीतियों पर आगे बढे़गा।
अमेरिका में भारतीय समुदाय के बड़े तबके का समर्थन हिलेरी क्लिंटन को मिलता दिख रहा था। मगर यह भी सच्चाई रही कि अच्छी खासी संख्या में भारतवंशियों ने ट्रंप का खुला समर्थन किया। शायद इसीलिए ट्रंप की बेटी खुद भारतीय समुदाय के बीच दिवाली मनाने पहुंची। तो न्यूजर्सी सेंटर में भारतीयों के बीच पहुंचे ट्रंप को उस समारोह में चुनाव के लिए करीब 10 लाख डालर चंदा जुटाकर भी दिया गया। ट्रंप के साथ अमेरिका के इस चुनाव में चार भारतीय भी चुनाव जीतकर अमेरिकी संसद कांग्रेस में पहुंचे हैं।
भारतीय समुदाय के कमला हैरिस, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और राजा कृष्णमूति भारतीय अमेरिकी संसद कांग्रेस का चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं। इसलिए भी यह माना जा रहा कि कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद व्हाइट हाउस का रुख भारत को लेकर जहां ज्यादा सकारात्मक होगा वहीं चीन और पाकिस्तान से रिश्ते शायद उतने सहज न हों जितना ओबामा प्रशासन में रहा है।
पढ़ें-चुनाव हारने पर हिलेरी क्लिंटन ने समर्थकों से माफी मांगी