जानिए, क्यों चीन और 'करीबी दोस्त' पुतिन से पहले ट्रंप ने किया मोदी को फोन?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की।
वॉशिंगटन (जेएनएन)। मंगलवार रात अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और दोनों नेताओं ने आपस में बातचीत की। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई यह पहली बातचीत है। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी रिश्ते बेहतर करने व दोनों देशों के बीच करीबी संबंध स्थापित करने को लेकर चर्चा की।
राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद ट्रंप का मोदी को फोन करना कई मायनों में अहम है। ट्रंप ने रूस, चीन, जापान या किसी अन्य यूरोपीय देश से पहले भारत के प्रधानमंत्री को फोन किया है, जो अपने आप में अहम है। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने जिन राष्ट्राध्यक्षों को फोन किया है उनमें मोदी का पांचवा नंबर हैं। सबसे पहले ट्रंप ने कनाडा फिर मेक्सिको तथा इसके बाद इजरायल और मिस्र को फोन किया था।
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इससे भारत-अमेरिका के मजबूत, लेकिन निर्विवादित संबंधों का भी संकेत मिलता है। इस शुक्रवार को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे वॉशिंगटन पहुंच रही हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप के साथ यह किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली मुलाकात होगी। यह मुलाकात बताती है कि अमेरिका और ब्रिटेन के रिश्ते कितने करीबी और मजबूत हैं। 8 नवंबर 2016 को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप की सफलता के बाद उन्हें फोन कर बधाई देने वाले राष्ट्राध्यक्षों में पीएम मोदी उन शुरुआती लोगों में शरीक थे जिन्होंने ट्रंप को जीत की बधाई दी।
कई जानकार मानते हैं कि भारत में मोदी और उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा को 2014 में जैसी जीत मिली थी। वैसी ही कामयाबी ट्रंप को भी अमेरिका में मिली है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी ट्रंप ने कहा था कि भारत के साथ उनके अच्छे संबंध रहेंगे। उन्होंने एक हिंदू कार्यक्रम में भी शिरकत की थी। उस समय भी ट्रंप ने मोदी और उनकी आर्थिक सुधार की नीतियों को सराहा था।
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भारतीय समुदाय कि गिनती अमेरिका में सर्वाधिक पढ़े-लिखे समूहों में होती है। सोमवार को ही ट्रंप ने अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के अजीत पाई को फेडरल कम्यूनिकेशन कमीशन का अध्यक्ष बनाया। ऐसे में पाई की नियुक्ति ट्रंप प्रशासन की नजर में भारतीयों की मजबूत छवि की ओर भी इशारा करती है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने निकी हाले को संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया था। सीमा वर्मा को मेडिकेयर का नेतृत्व संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके अलावा प्रीत भरारा को अटॉर्नी के पद पर बरकरार रखा गया है।
प्रवासी लोगों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की राय हमेशा से ही काफी सख्त रही है। इसके बावजूद उनके प्रशासन में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को जिस तरह से तवज्जो मिल रही है वह भारत के लिए सुखद संकेत से कम नहीं हैं।
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