द्रमुक से निकाले जाने को कोर्ट में चुनौती देंगे अलागिरी
पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते द्रमुक से निकाले गए एमके अलागिरी अब पार्टी के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की धमकी दे रहे हैं। अलागिरी का कहना है कि द्रमुक से निकाले जाने का यह मतलब नहीं कि वह और उनके समर्थक पार्टी छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि उनके पिता और पार्टी प्रमुख एम करुणानिधि ने दबाव में आकर उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला किया है। वो इस बात को जानते हैं कि पार्टी प्रमुख को उनके खिलाफ कौन उकसा रहा था।
चेन्नई। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते द्रमुक से निकाले गए एमके अलागिरी अब पार्टी के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की धमकी दे रहे हैं। अलागिरी का कहना है कि द्रमुक से निकाले जाने का यह मतलब नहीं कि वह और उनके समर्थक पार्टी छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि उनके पिता और पार्टी प्रमुख एम करुणानिधि ने दबाव में आकर उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला किया है। वो इस बात को जानते हैं कि पार्टी प्रमुख को उनके खिलाफ कौन उकसा रहा था।
अलागिरी का यह बयान करुणानिधि द्वारा उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा के बाद आया है। पूरे घटनाक्रम पर तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने कहा कि निलंबित किए जाने के बाद भी अलागिरी पार्टी विरोधी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे थे, जिसके चलते उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। 89 वर्षीय द्रमुक सुप्रीमो ने कहा, 'अलागिरी को निष्कासित करने का फैसला नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद किया गया है। पार्टी महासचिव (अंबझगन) और मैंने इस मसले पर चर्चा की और उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला किया।' गत 24 जनवरी को पार्टी ने उन्हें निलंबित किया था। दरअसल, अलागिरी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन और दूसरे मुद्दों पर द्रमुक नेताओं खासकर छोटे भाई एमके स्टालिन की बार-बार आलोचना कर रहे थे। मदुरै से मौजूदा सांसद अलागिरी को इस बार टिकट भी नहीं दिया गया है। अलागिरी के खिलाफ दूसरी बार सख्त कदम उठाया गया है। इससे पहले 2000 में भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया था। उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी।
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