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ढींगरा आयोग ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील पर रिपोर्ट सौंपी, बढेंगी हुड्डा व वाड्रा की मुश्किलें

जस्टिस ढींगरा ने वाड्रा-डीएलएफ सहित अन्‍य जमीन सौदों की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। अभी रिपोर्ट का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन इससे वाड्रा व भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किल बढ़ेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 04:19 PM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 11:41 AM (IST)
ढींगरा आयोग ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील पर रिपोर्ट सौंपी, बढेंगी हुड्डा व वाड्रा की मुश्किलें

चंडीगढ़, [जेएनएन]। देश और हरियाणा की सियासत में बड़ा मुद्दा बने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की जांच रिपोर्ट बुधवार को हरियाणा सरकार को सौंप दी गई। जस्टिस एसएन ढींगरा ने बुधवार को अपराह्न अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहरलाल को सौंपी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट काा अध्ययन करने के बाद इस मामले में कार्रवाई करेगी। रिपोर्ट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बए़ सकती हैं।

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बताया जाता है कि रिपोर्ट में राबर्ट वाड्रा की कंपनियों को कानून को ताक पर रख कर मदद पहुंचान का आरोप लगाया गया है। सूत्राें के अनुसार, रिपोर्ट में वाड्रा की कंपनियों व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की भी सिफारिश भी की है। इस रिपोर्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।

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कुख्यात आतंकवादी अफजल गुरू को फांसी की सजा सुनाकर चर्चित पूर्व न्यायधीश जस्टिस एसएन ढींगरा ने साढ़े 14 माह की जांच-पड़ताल के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। अब इस रिपोर्ट से अगले कई माह तक सियासत के गर्माने के आसार हैं।

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जस्टिस एसएन ढींगरा ने रिपोर्ट सौंपने के बाद हालांकि इसका खुलासा सरकार पर छोड़ दिया है लेकिन, माना जा रहा है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में वाड्रा की कंपनी को दिए गए लाइसेंस और जमीनों के सीएलयू को नियमों के विपरीत ठहराया है। डीएलएफ को हालांकि क्लीन चिट की बात कही जा रही है लेकिन, सरकार के सूत्र बिना रिपोर्ट पढ़े इसे स्पष्ट करने को तैयार नहीं है।

पत्रकारों से बातचीत मेंं जस्टिस ढी़गरा ने कहा कि जमीन आवंटन में गड़बड़ी हुई है और अनियमितता हैं तभी 182 पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंपी। अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी इसे सार्वजनिक करें या न करे। उन्होंने कहा, रिेपोर्ट में मैंने हर शख्स के नाम का जिक्र किया है।

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भाजपा ने वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का मुद्दा थाम कर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जमकर पटखनी दी थी। जांच आयोग ने करीब 250 फाइलों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में जून 2016 तक 26 गवाहों का सहारा लिया गया था लेकिन, भाजपा सांसद किरीट सौमेया द्वारा आयोग को अचानक दस्तावेजों का पुलिंदा थमाने के बाद गवाहों की संख्या बढ़ गई।

जस्टिस ढींगरा 30 जून को ही अपनी रिपोर्ट देने वाले थे लेकिन, एक ई-मेल के जरिए उन्होंने यह कहते हुए चार सप्ताह का एक्सटेंशन मांग लिया था कि उन्हें कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जांच में शामिल किए बिना रिपोर्ट पूरी नहीं मानी जा सकेगी। प्रदेश सरकार ने अायोग को चार सप्ताह की एक्सटेंशन देने हुए जस्टिस ढींगरा को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।

जांच रिपोर्ट सौंपने चंडीगढ़ पहुंचे जस्टिस एसएन ढींगरा।

जस्टिस ढींगरा ने इस रिपोर्ट को तैयार करते समय नगर एवं ग्राम आयोजना तथा हुडा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उस कमेटी के अफसरों से भी बात की है, जिसने वाड्रा के जमीन सौदे का इंतकाल किया था। यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब चर्चित आइएएस अधिकारी डा.अशोक खेमका ने सौदे के इंतकाल को रद कर दिया था। बाद में हुड्डा सरकार ने खेमका भूमि चकबंदी विभाग से हटा दिया था।

वाड्रा के छह कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई और हुड्डा व कई अफसरों पर एफआइअार की सिफारिश

अभी आयोग की रिपोर्ट के बारे में खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें कई कड़ी सिफारिशें की गई हैं। बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट में राबर्ट वाड्रा की कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ केस दर्ज कराने की भी सिफारिश की गई है। बताया जाता है कि आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीन साैदों में नियम व कानून को ताक पर रखकर कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया।

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सूत्रों के अनुसार, आयोग ने छह मामलों में एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश ही है। आयोग की रिपोर्ट कई सरकारी अफसरों पर प्रभावशाली लोगाें को मदद पहुंचाने के लिए कानून को ताक पर रखने के भी आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन सरकार ने कानून की अनदेखी कर वाड्रा की कंपनियों को फायदा पहुंचाया।

संभावना है कि आयोग की रिपोर्ट के बाद इस मामले में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज होंगे। रिपोर्ट से सियासी और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। प्रदेश सरकार का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस संबंध में कदम उठाया जाएगा। अायोग का 31 अगस्त को कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

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रिपोर्ट अब सरकार की संपत्ति : जस्टिस ढींगरा

'' मैैंने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। अब यह सरकार का काम है कि वह उसे कब सार्वजनिक करती है। मैैंने अपना काम तय समय सीमा में पूरा कर लिया है। रिपोर्ट के कंटेंट इसलिए नहीं बता सकता, क्योंकि अब यह कानूनी तौर पर सरकार की संपत्ति है।
- जस्टिस एसएन ढींगरा।
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रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई करेंगे : मनोहर लाल

'' हमें रिपोर्ट मिल चुकी है। जस्टिस ढींगरा ने दो हिस्सों में अपनी रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को बख्शे जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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राजनीतिक दुर्भावना से काम कर रही सरकार : हुड्डा

'' मैैंने पहले भी कहा था कि यह सरकार बदला और बदली की सरकार है। यह आयोग भी वैधानिक नहीं है। इसकी कोई मान्यता नहीं है। सरकार राजनीतिक दुर्भावना से काम कर रही है। सभी को पता है। सिर्फ एक नहीं, कई मामलों में प्रतिशोध नजर आ रहा है। प्रदेश की जनता सब जानती है।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम, हरियाणा।


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