ये लो, कप्तान साहब ने फिर बना डाला वही घिसा-पिटा बहाना
टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास अब शायद बहानों का स्टॉक खत्म हो गया है। पुणे टी20 में श्रीलंका की अनुभवहीन टीम के खिलाफ अपनी ही जमीन पर हार मिलने के बाद कैप्टन कूल ने एक बार फिर वही बहाना बना डाला जिसकी कुछ लोग पहले से
पुणे। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास अब शायद बहानों का स्टॉक खत्म हो गया है। पुणे टी20 में श्रीलंका की अनुभवहीन टीम के खिलाफ अपनी ही जमीन पर हार मिलने के बाद कैप्टन कूल ने एक बार फिर वही बहाना बना डाला जिसकी कुछ लोग पहले से उम्मीद लगाए बैठे थे।
धौनी ने अपने शब्दों के जरिए साफ संकेत दिए कि वो हार को दोषी अपनी टीम को नहीं बल्कि पुणे की पिच को मानते हैं। माही के मुताबिक पुणे की पिच 'इंग्लिश' पिच जैसी थी न कि भारतीय पिच जैसी। यानी पुणे के क्यूरेटर ने जो पिच तैयार की वो इंग्लैंड की घास वाली पिचों की तरह थी जिन पर आमतौर पर भारतीय बल्लेबाज संघर्ष ही करते नजर आते हैं लेकिन धौनी के इस बहाने पर हर बार की तरह एक बार फिर वही सवाल उठता है कि आखिर विरोधी टीम ने भी तो उसी पिच पर बल्लेबाजी की और उसी पिच पर जीत दर्ज की, जबकि मैदान पर मौजूद दर्शकों का पूरा समर्थन भी टीम इंडिया के साथ ही था।
मैच से पहले पुणे की पिच का जायजा लेते कप्तान महेंद्र सिंह धौनी
धौनी ने मैच के बाद कहा, 'ये विकेट ऑस्ट्रेलियाई पिचों से बिल्कुल अलग था जहां हम अभी-अभी एक महीना खेलकर लौटे हैं। ये किसी इंग्लिश विकेट जैसा था। उछाल और पेस काफी ज्यादा था। विकेट पर रोलिंग भी ठीक से नहीं की गई थी। विकेट को देखते हुए हमें कुछ बड़े शॉट्स नहीं खेलने चाहिए थे, जो हम खेल गए।' जब धौनी से ये पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलिया में खेलने के बाद अपने ही हालातों से तालमेल बनाना मुश्किल है? तो इस पर धौनी ने अजीब से जवाब दिया, उन्होंने कहा, 'ये भारतीय हालातों से ज्यादा इंग्लिश हालात थे।' माही ने अपना एक और पुराना बहाना सामने रखा जिसके मुताबिक अगर उनकी टीम 25-30 रन और बना लेती तो मुकाबला रोमांचक हो सकता था।
उधर, दूसरी तरफ श्रीलंकाई कप्तान दिनेश चांदीमल ने कहा कि, 'ऐसी पिच पर टॉस काफी महत्वपूर्ण होता है और टॉस जीतने के बाद मैं चांद के ऊपर होने जैसा महसूस कर रहा था। श्रेय गेंदबाजों को जाता है जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। हमे काफी सीनियर खिलाड़ियों की कमी खल रही है लेकिन युवा खिलाड़ियों ने बखूबी अपना काम कर दिखाया।'