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सतीश की टीम में नहीं मिली सांसदों और विधायकों को तरजीह

दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की नई टीम में उपाध्यक्ष व मंत्रियों की संख्या पहले से कम कर दी गई है। नई टीम

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 09:37 AM (IST)

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की नई टीम में उपाध्यक्ष व मंत्रियों की संख्या पहले से कम कर दी गई है। नई टीम में आठ उपाध्यक्ष और आठ मंत्री बनाए गए हैं, जबकि पिछली कार्यकारिणी में नौ उपाध्यक्ष व दस मंत्री थे। पार्टी का कहना है कि नई कार्यकारिणी भाजपा संविधान के अनुरूप बनाई गई है। इससे पहले बनाई गई कार्यकारिणी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति से अध्यक्ष व मंत्री की संख्या बढ़ाई गई थी।

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उपाध्याय की नई टीम में सांसदों व विधायकों को तरजीह नहीं दी गई है। सिर्फ दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी फिर से महामंत्री बनने में सफल रहे हैं। किसी भी विधायक को महामंत्री, उपाध्यक्ष या मंत्री नहीं बनाया गया है। इसके साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल व डॉ. हर्षवर्धन की टीम में शामिल अधिकांश नेता भी नई कार्यकारिणी में जगह बनाने में विफल रहे हैं।

उपाध्याय ने अध्यक्ष बनने के तीन माह बाद मंगलवार देर रात अपनी टीम घोषित की है, जिसमें सांसदों व विधायकों से ज्यादा तरजीह पार्षदों को दी गई है। महामंत्री व उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ ही अन्य पदों पर भी पार्षदों को वरीयता दी गई है। पुरानी टीम में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पवन शर्मा व कुलवंत राणा फिर से यह पद प्राप्त करने में विफल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश अध्यक्ष भी मालवीय नगर के पार्षद हैं।

बताते हैं कि विधायकों के साथ ही कई वरिष्ठ नेताओं को टीम में शामिल करने के लिए मंगलवार देर रात तक माथापच्ची चलती रही, लेकिन आखिर में ज्यादातर नए चेहरों तथा पिछले कुछ समय से मुख्यधारा से कट गए वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को आगे लाया गया है।

महिलाओं को मिली जिम्मेदारी

प्रदेश कार्यकारिणी में महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। आठ उपाध्यक्ष में से चार महिलाएं हैैं, जिसमें पूर्व कार्यकारिणी में महामंत्री की जिम्मेदारी निभा रही शिखा राय भी शामिल हैं। इनके साथ ही पूर्व महापौर रजनी अब्बी व विशाखा शैलानी के साथ किरण चड्ढा का नाम शामिल है। वहीं राष्ट्रीय महिला मोर्चा की पूर्व मंत्री व पार्षद रेखा गुप्ता को महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं सुधा शर्मा के साथ ही पूनम परासर को मंत्री बनाया गया है। इसी तरह से प्रदेश प्रवक्ताओं की टीम में पूनम झा आजाद व दीपिका शर्मा को शामिल किया गया है। हालांकि, किसी भी जिला की जिम्मेदारी महिला नेता को नहीं सौंपी गई है।

मोर्चा के महामंत्री भी हाईकमान ने तय किए

अभी तक प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा, महिला मोर्चा सहित अन्य मोर्चों के अध्यक्ष की घोषणा होती थी। अध्यक्ष को अपनी टीम गठित करने का अधिकार होता था, लेकिन इस बार अध्यक्ष के साथ ही महामंत्री का नाम भी संगठन ने तय कर दिया है। शेष पदाधिकारियों का चयन अध्यक्ष करेंगे।

बदल गए जिलों के अध्यक्ष

प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही 14 में से 11 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्ष बदल दिए गए हैं, जिन तीन जिलों के अध्यक्ष नहीं बदले गए हैं उनमें महरौली के विजय पंडित, दक्षिणी दिल्ली के चौधरी छोटे राम तथा नवीन शाहदरा के डॉ. अनिल गुप्ता शामिल हैं।

निगम के काम पर रहेगी भाजपा की नजर

नई दिल्ली। प्रदेश भाजपा दिल्ली के तीनों नगर निगमों के काम पर सीधी नजर रखेगी। इसके लिए प्रदेश कार्यकारिणी में अलग से नगर निगम संयोजक का पद सृजित किया गया है। तीनों नगर निगमों के लिए अलग-अलग विधायकों को संयोजक बनाया गया है।

दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा है। निर्माण कार्य के लिए नक्शा पास कराने, सफाई, प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य, विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र दुकानों के लाइसेंस, डेंगू व मलेरिया रोकथाम, सड़कों व गलियों का निर्माण सहित अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निगम के पास है। इसलिए इसकी कार्य प्रणाली सीधे तौर आम जनता से जुड़ा हुआ है। दूसरी ओर इसकी कार्य प्रणाली को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा को आड़े हाथों लेती रही है। उसका आरोप है कि निगम में भ्रष्टाचार की वजह से न सिर्फ दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहे हैं बल्कि लोगों के जरूरी काम भी नहीं हो रहा है। इससे चिंतित भाजपा ने निगम के कार्यों में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। पार्टी निगम के कार्यों को पारदर्शिता लाने तथा जनता से जुड़े हुए काम व उनकी शिकायतों का शीघ्र निपटारा करने के लिए ई गवर्निंग को बढ़ावा देने का फैसला किया है।

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