दिल्ली के विधायकों का शहर से निकलना हुआ मुहाल
दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर जारी कशमकश के बीच विधायकों का शहर से बाहर निकलना मुहाल हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा गए तीन विधायकों को जिस प्रकार आनन-फानन में वापस बुलाया गया, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी राजनीतिक दल अपने विधायकों को लेकर किस कदर चौकन्ने हैं। विधायको
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर जारी कशमकश के बीच विधायकों का शहर से बाहर निकलना मुहाल हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा गए तीन विधायकों को जिस प्रकार आनन-फानन में वापस बुलाया गया, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी राजनीतिक दल अपने विधायकों को लेकर किस कदर चौकन्ने हैं।
विधायकों की हालत यह है कि किसी को कनाडा जाना है, तो किसी को काठमांडू लेकिन इस माहौल में कोई भी शहर छोड़ने को तैयार नहीं है। आप से जुड़े एक विधायक की मानें तो उन्हें विदेश जाने का अवसर इसलिए गंवाना पड़ा क्योंकि ऐसे माहौल में दिल्ली से बाहर जाना बेवजह की अफवाहों को हवा देना है। इसी प्रकार भाजपा से जुड़े एक विधायक का कहना है कि पिछले काफी दिनों के राजनीतिक ऊहापोह के माहौल के मद्देनजर वह भी कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जाना चाहते हैं लेकिन जिस प्रकार की हवा उड़ रही है, उसके देखते हुए तो यहीं बने रहने में भलाई है।
विधायकों को लेकर संशकित
कांग्रेस के एक विधायक ने नाम नहीं छापने के आग्रह के साथ कहा कि वे पिछले दिनों पार्टी के काम से पंजाब में थे, जबकि दिल्ली में हवा उड़ाई जा रही थी कि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे हैं। सियासी पंडितों का कहना है कि शहर के राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि इसमें हर दल अपने विधायकों को लेकर सशंकित है।
विश्वास का संकट खड़ा हुआ
यदि सरकार बनती है तो कांग्रेस या आप या दोनों ही पार्टियों में टूट होने का खतरा तो है ही, क्योंकि इसके बगैर सरकार का गठन संभव ही नहीं है। सियासी गलियारों में चर्चा यह भी हो रही है कि शहर के राजनीतिक माहौल ने विश्वास का संकट भी खड़ा कर दिया है। हर विधायक को शक के नजरिए से देखा जा रहा है।