पर्रिकर ने कहा- कश्मीर में सेना के लिए अफस्पा जरूरी...एक साक्षात्कार
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को काम करते हुए करीब डेढ़ साल हो गए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सेना के लिए अफस्पा बेहद जरूरी है... पढिये उनके बातचीत के अंश।
नई दिल्ली, [मुकेश केजरीवाल]। शालीन और मृदुभाषी मनोहर पर्रिकर को भी रक्षा मंत्रालय में लगभग डेढ़ साल हो गए हैं। इस बीच उनमें भी कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं। सीधे साधे पर्रिकर से पाकिस्तान की बात कीजिए तो खरे खरे शब्दों में कहेंगे- जाकर सीमा पर देखिए हम क्या कर रहे हैं.। शालीन और संयत पर सख्त। दैनिक जागरण से उन्होंने रक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। उसके कुछ अंश:
जम्मू-कश्मीर सरकार में आपकी सहयोगी पार्टी पीडीपी चाहती है कि सेना को विशेषाधिकार देने वाला अफस्पा कानून हटाया जाए।
यह सवाल आपको राजनाथ सिंह जी से पूछना चाहिए। मेरे मंत्रालय की भूमिका तब शुरू होती है जब सेना को आगे बढ़ कर किसी खास क्षेत्र में कार्रवाई करने को कहा जाता है। ऐसे समय में सेना को अफस्पा के तहत सुरक्षा चाहिए होती है। अगर यह कानून नहीं रहेगा तो सेना वहां कार्रवाई नहीं कर पाएगी। आतंकवाद रोधी आपरेशन में सेना की ताकत लगती है वह ताकत ऐसे अलग-अलग कानूनों से आती है। उसमें अफस्पा प्रमुख है। वह नहीं रहेगी तो सेना नागरिक इलाकों में आपरेशन के लिए नहीं जाएगी। इस लिहाज से गृह मंत्रालय को लेखा-जोखा करना है। यह फैसला मैं नहीं करता। इसका जवाब गृह मंत्रालय ही दे सकता है। अगर सेना की जरूरत है तो यह कानून रखना होगा, वर्ना सेना वहां काम नहीं कर सकती। जवानों को स्टेंडर्ड कानूनों का सामना करने के लिए नहीं कहा जा सकता।
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क्या आपको लगता है कि राफेल सौदा जल्दी तय हो पाएगा?
जो कुछ होगा वह कानूनी ढांचे के तहत ही होगा। जो कमेटी इस पर बातचीत कर रही है, मैं उसके काम में दखल नहीं देना चाहता। मैंने कहा कि वे चर्चा कर के रिपोर्ट मुझे दें कि उसका नतीजा क्या रहा।
वायु सेना प्रमुख ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान से एक साथ हमला हो जाए तो हम इस स्थिति में नहीं हैं कि मुकाबला कर सकें..
वो सवाल आपको उन्हें ही पूछना चाहिए था। मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने इस लिहाज से नहीं कहा था। अलग कारण के लिए बोला था। खैर, इतना ही कहूंगा कि आपके मन में इच्छा दस हजार की भी हो सकती है। पर्याप्त रूप से मुहैया करवाना और बहुत ज्यादा उपलब्ध करवाना, इसमें फर्क है। मुझे लगता है कि पर्याप्त रूप से मुहैया करवाने की जरूरत है। सरकार इसके लिए काम कर रही है। बेड़े में मिग 21 जैसे छोटे लड़ाकू जहाज की जगह एलसीए तेजस जो उनसे दो-तीन गुना अच्छे हैं उन्हें शामिल किया जा रहा है। मिग 29 की आयु अभी बाकी है। मिग 21 विमानों का समय अगले वर्ष से एक-एक कर के खत्म होता जाएगा। उसकी जगह तेजस आ रहा है। इस साल चार-पांच आ जाएंगे। अगले साल 12 होंगे, उसके बाद 16-16 आ जाएंगे। दो-तीन साल में मिग की कमी और तेजस की आपूर्ति बराबर हो जाएगी। तब तक सुखोई के तीन और बेड़े आ रहे हैं। इस दौरान अगर जून-जुलाई में राफेल पूरा हो जाता है तो तीन साल में राफेल इंडक्ट हो जाएंगे। मुझे लगता है कि हम बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया में लड़ाई के तरीके बदलते रहते हैं। फायटर प्लेन एक खास समय के लिए बहुत अच्छे थे। आज आप फायटर प्लेन की क्षमता में मिसाइल सिस्टम से बढ़ा सकते हैं।
क्या आपको लगता है कि कंपनियों की ब्लैकलिस्टिंग से..
हमारे जमाने में कोई ब्लैकलिस्ट नहीं होगी। कोई चांस ही नहीं है। क्योंकि चोरी ही नहीं करने देंगे तो इसकी चिंता क्यों करनी।
आप लोग विपक्ष में थे तो कहते थे कि सत्ता में आने पर पाकिस्तान को करारा जवाब देंगे। क्या वह स्थिति आ सकी है?
पाकिस्तान सीमा पर जा कर देखिए पता चल जाएगा कि हम क्या कर रहे हैं। वर्ष 2014 के दौरान जरूर सीमा उल्लंघन के मामले बढ़े थे। लेकिन जब उनको सही तरीके से जवाब दिया गया तो इसमें काफी कमी आई है। जो तथ्य हैं, उनसे मैं इंकार नहीं कर रहा, लेकिन आज जो आरोप लगा रहे हैं, उनके जमाने में भी होता था।
सीमा उल्लंघन को ले कर इस सरकार की नीति क्या है?
हमारी नीति बिल्कुल साफ है। हम खुद अपनी तरफ से कुछ नहीं करेंगे। लेकिन दूसरे ने कोशिश भी की तो उसे छोड़ेंगे भी नहीं।
आपने पठानकोट हमले के बाद एक बार कहा था कि जो हमें दर्द दे रहा है, उसे भी दर्द देंगे। क्या हम पाकिस्तान के अंदर घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक को तैयार हैं?
ऐसी बातें कह कर की जाती हैं क्या?
गोवा में चुनाव होने जा रहे हैं, आपने लंबे समय तक वहां अच्छा प्रशासन दिया। क्या आपको लगता है कि वहां दुबारा जाने की जरूरत है?
चुनाव के लिए जरूर जाऊंगा।