'भारत से वार्ता के लिए अब पाक को उठाना होगा पहला कदम'
भारत ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान कुख्यात माफिया डान दाऊद इब्राहिम को संरक्षण दिए हुए है।
नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में जारी आतंकवाद पूरी तरह से पाकिस्तान प्रायोजित है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारत के साथ वार्ता शुरू करने के लिए अब पाकिस्तान को ही पहला कदम उठाना होगा। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने ये बातें कही।
पाकृ-अफगान सीमा पर छिपा है दाऊद
राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान कुख्यात माफिया डान दाऊद इब्राहिम को संरक्षण दिए हुए है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तो यहां तक दावा किया है कि आइएसआइ के प्रश्रय के कारण दाऊद पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमावर्ती क्षेत्र में कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा हुआ है। लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया, ‘हम दाऊद को जल्द सौंपने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहे हैं। थोड़ा इंतजार करिए, अच्छा समाचार मिलेगा। राजनाथ ने बताया, ‘जब नवाज शरीफ भारत आए थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे दाऊद को सौंपने का आग्रह किया था।
पाकिस्तान नहीं चाहता दोस्ती
शनिवार को एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘भारत तो पाकिस्तान से मैत्री चाहता है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमसे दोस्ती करना नहीं चाहता। उसके मंसूबे नापाक प्रतीत होते हैं।’ उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ‘भारत में आतंकवाद पाकिस्तान की उपज है। उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हमारे यहां आतंकवाद फैलाने के पीछे साफ हाथ है।’ गृह मंत्री के अनुसार मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने में पाकिस्तान की कोई रुचि नहीं है।
अलगाववादियों से वार्ता की तो बात बिगड़ेगी
राजनाथ ने स्पष्ट किया कि भारत तो पाकिस्तान से दोस्ती चाहता है, लेकिन पाकिस्तान को भी पहल करनी होगी। अभी तक इस्लामाबाद की ओर से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं। हमें इंतजार है, देखते हैं पाकिस्तान क्या करता है? उन्होंने फिर चेताया कि अगर द्विपक्षीय वार्ता से पहले पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगाववादियों से बात की तो मामला बिगड़ सकता है। राजनाथ ने कहा, ‘अगर इस बारे में नवाज शरीफ का रुख स्पष्ट है तो हमारा दृष्टिकोण भी साफ है।
हम सब हैं आरएसएस के कार्यकर्ता
मोदी सरकार पर आरएसएस के प्रभाव पर कहा, ‘मैं संघ का कार्यकर्ता हूं। खुद प्रधानमंत्री बचपन से आरएसएस के स्वयंसेवक हैं। जब तक हम जिंदा हैं, हमें आरएसएस से कोई जुदा नहीं कर सकता। अगर कोई संघ से अलग होता तो प्रभाव की बात होती।’
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