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प्रदर्शन व बंद के बीच घाटी में लगा मुफ्ती का दरबार

मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को एक बार फिर हुर्रियत नेता मसर्रत आलम की गिरफ्तारी को जायज ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपना सियासी एजेंडा नहीं छोड़ा है, लेकिन पहले लोगों को एक सुव्यवस्थित सरकार देना जरूरी है। बाढ़ प्रभावितों का पुनर्वास, पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 05 May 2015 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 01:07 PM (IST)

श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को एक बार फिर हुर्रियत नेता मसर्रत आलम की गिरफ्तारी को जायज ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपना सियासी एजेंडा नहीं छोड़ा है, लेकिन पहले लोगों को एक सुव्यवस्थित सरकार देना जरूरी है। बाढ़ प्रभावितों का पुनर्वास, पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन और रोजगार व एक इमानदार प्रशासन हमारी प्राथमिकताओं में है और इसके लिए हमें समय चाहिए।

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आज यहां नागरिक सचिवालय के खुलने के पहले दिन पत्रकारों के साथ लगभग 15 मिनट की बातचीत में मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने किसी भी सियासी या विवादास्पद मुद्दे पर सवालों से बचने का पूरी तरह प्रयास किया। उनके साथ शिक्षा मंत्री नईम अख्तर और स्वास्थ्य मंत्री लाल सिंह भी मौजूद थे।

पारदर्शी और सुव्यवस्थित सरकार है प्राथमिकता

भाजपा के दबाव में अपने सियासी एजेंडे को दरकिनार करने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा सियासी एजेंडा गायब नहीं होगा। उस पर धीरे धीरे काम हो रहा है,लेकिन उससे पहले लोगों को एक पारदर्शी और सुव्यवस्थित सरकार देना जरुरी है। इस पर काम हो रहा है।

मसर्रत की गिरफ्तारी थी जरूरीः मुफ्ती
मसर्रत आलम की गिरफ्तारी पर मुफ्ती सईद ने कहा कि हम हरेक को अपनी बात कहने के लिए सियासी मंच देने को तैयार हैं। मैने खुद वीडियो में मसर्रत आलम के भाषण और नारेबाजी को देखा है। उसने जो किया है, वह ठीक नहीं था। उसकी हरकतें ही ऐसी थी कि उसे गिरफ्तार करना पड़ा।

पारदर्शी बनेगी भर्ती नीति
भर्ती नीति को लेकर पैदा हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि हम इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएंगे। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजायश नहीं रहेगी और लोग खुद फर्क महसूस करेंगे। वित्तमंत्री डा हसीब द्राबु द्वारा इस नीति को सिर्फ 15 हजार नियुक्तियों तक सीमित रखे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने किस आधार पर यह कहा है, यह वही जानते होंगे। लेकिन सरकार का इरादा स्पष्ट है।

बाढ़ पुनर्वास और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास,पर्यटन क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने और बेरोजगारी को दूर कर रोजगार के नए अवसरों को जुटाने से लेकर लोगों को एक बेहतर सरकार देना, अपनी प्राथमिकताओं में गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सितंबर में बाढ़ आई,उससे हुए नुकसान से हम उभर भी नहीं पाए थे कि मार्च में दोबारा बाढ़ ने नुकसान कर दिया। इससे पर्यटन क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह से पर्यटन के लिए देश विदेश से लोगों को कश्मीर आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त मौलिक अवसंरचना सड़कों, पुलों को फिर से ठीक करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बेरोजगारी से निपटने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। सरकारी नौकरियां सीमित हैं, इसलिए निजी क्षेत्र में भी नौजवानों के लिए रोजगार की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। हम व्यवस्था बहाल करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में एक बेहतर प्रशासन देने को प्रतिबद्घ हैं,यह एक दिन में नहीं होगा,इसके लिए माहौल भी बदलना जरुरी है और इसके लिए हमें समय चाहिए।

हमें सांस तो लेने दीजिए
विपक्ष द्वारा सरकार पर चुनावी वादे पूरे न करने और बाढ़ प्रभावितों की मदद में नाकाम रहने के आरोपों पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि वह(कांग्रेस और नेकां) छह साल तक सत्ता में रहे हैं, लेकिन जब वह नौ साल में कुछ नहीं कर पाए तो वह दो माह में हमसे सबकुछ कर देने की उम्मीद क्यों कर रहे हैं। हमें सांस तो लेने दीजिए, दो माह हुए हैं,हमारी सरकार को। हम धीरे धीरे व्यवस्था को बहाल कर लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।

सचिवालय के बाहर भाजपा के झंडे
आज सुबह जब ग्रीष्मकालीन राजधानी में नागरिक सचिवालय खुला तो बाहर मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पार्टी ध्वज लेकर खड़े थे। यह कार्यकर्ता राज्य सरकार में शामिल अपने मंत्रियों के स्वागत के लिए आए थे। जैसे भाजपा मंत्रियों की गाड़ी गेट से गुजरती यह लोग नारेबाजी करते हुए उस पर फूल भी फेंकते। स्थानीय लोगों के लिए यह नजारा हैरान कर देने वाला था,क्योंकि बीते साठ सालों में पहली बार भाजपा के ध्वज और कार्यकर्ता ग्रीष्मकालीन राजधानी में इस तरह से नजर आए हैं। गौरतलब है कि इस समय जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा की गठबंधन सरकार सत्तासीन है।

उपमुख्यमंत्री रहे नदारद
उपमुख्यमंत्री डा निर्मल सिंह आज सुबह नागरिक सचिवालय में नजर नहीं आए। न वह उस समय दिखे जब मुख्यमंत्री ने ग्रीष्मकालीन राजधानी में नागरिक सचिवालय के खुलने पर गॉड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और न उस समय जब मुख्यमंत्री पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ शिक्षामंत्री नईम अख्तर ही थे। पत्रकार वार्ता समाप्त होने से लगभग पांच मिनट पहले स्वास्थ्य मंत्री लाल सिंह जरुर आकर मुख्यमंत्री के पास बैठे।

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