कोर्ट का आदेश, गैंगरेप की रिपोर्ट दर्ज करो
उत्तर प्रदेश में सांकरौद प्रकरण में सोमवार को नया मोड़ आ गया। जाट बिरादरी की युवती की याचिका पर सीजेएम की अदालत ने आरोपी युवक व उसके भाई दिल्ली पुलिस के सिपाही पर सामूहिक दुष्कर्म और दोनों बहनों व पिता पर धमकी देने के आरोप में मुकदमा कायम करने का
बागपत, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश में सांकरौद प्रकरण में सोमवार को नया मोड़ आ गया। जाट बिरादरी की युवती की याचिका पर सीजेएम की अदालत ने आरोपी युवक व उसके भाई दिल्ली पुलिस के सिपाही पर सामूहिक दुष्कर्म और दोनों बहनों व पिता पर धमकी देने के आरोप में मुकदमा कायम करने का आदेश दे दिया। अदालत के आदेश पर दलित परिवार में अफरा-तफरी मच गई।
पीडि़ता के अधिवक्ता अरुण कुमार राणा ने बताया कि सांकरौद गांव की युवती ने 27 अगस्त को सीजेएम की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने बताया कि उसके गांव का रवि बीती 10 अप्रैल को धोखे से नौकरी लगवाने के बहाने उसे दिल्ली ले गया और एक मकान में दस दिन तक बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। आरोपी के भाई दिल्ली पुलिस में सिपाही सुमित कुमार ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। वह अपनी और परिवार की इज्जत की खातिर चुप रही, लेकिन उसके बाद आरोपियों की दो बहनें और पिता धर्मपाल भी फोन पर उसे और उसके परिवार को अंजाम भुगतने की धमकी देने लगे थे। उसने 22 अगस्त को एसपी को शिकायती पत्र दिया था, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है।
न्याय नहीं मिला तो संत समाज संभालेगा कमान
सांकरौद के प्रकरण में अब संत समाज भी आगे आ गया है। सोमवार शाम इंद्रप्रस्थ पीठाधीश्वर नई दिल्ली के ब्रह्मस्वरूपानंद महाराज, महामंडलेश्वर ब्रह्मचारी जयस्वरूप महाराज, बुढ़ाना कपूरगढ़ आश्रम के तेजस्वी शंकराचार्य, गढ़मुक्तेश्वर के ओमेश्वर स्वरूप महाराज, कैराना से जयस्वरूप महाराज व मेरठ से बाबा सीताराम आदि कई संत सांकरौद में पीडि़त युवती के घर पहुंचे और अब तक हुए घटनाक्रम की जानकारी ली। ब्रह्मचारी कृष्णस्वरूपानंद महाराज ने कहा, गांव वालों का काम है, वे धर्म की रक्षा करें। धर्म के अनुसार ही कार्य करें। कहा, पीडि़त परिवार की गरीबी उनको न्याय दिलाने में आड़े नहीं आनी चाहिए। गांव को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि पीडि़ता को न्याय नहीं मिलता है तो इसके लिए संत समाज आगे आएगा और न्याय दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देगा।