वाड्रा के बचाव से बचेगी कांग्रेस
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया है। अब तक वाड्रा पर लगे आरोपों के जवाब में बचाव में उतरने वाली कांग्रेस अब वाड्रा की कंपनी के जमीन सौदों को लेकर शुरू हुई जांच में उनकी पैरवी करती नजर नहीं आएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया है। अब तक वाड्रा पर लगे आरोपों के जवाब में बचाव में उतरने वाली कांग्रेस अब वाड्रा की कंपनी के जमीन सौदों को लेकर शुरू हुई जांच में उनकी पैरवी करती नजर नहीं आएगी।
पार्टी ने यह निर्णय इस मामले को लेकर कांग्रेस विशेष कर गांधी परिवार पर आ रही छाया को देखते हुए लिया है। कांग्रेस पूर्व में वाड्रा के परिवार से भी किनारा कर चुकी है। तब पार्टी आलाकमान ने पार्टी नेताओं व अपनी राज्य सरकारों को आधिकारिक रूप से वाड्रा परिवार से कोई संबंध न रखने की बात कही थी।
मामले को निजी बताने का निर्देश
सूत्रों के मुताबिक पार्टी प्रवक्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि इस संबंध में मीडिया की बहस से बचने का प्रयास करें। साथ ही सवालों के उत्तर देते समय वाड्रा का मामला व्यक्तिगत होने और इसका पार्टी से लेना-देना न होने को रेखांकित करने को कहा गया है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक, 'रॉबर्ट वाड्रा एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में अपना व्यापार करते हैं। यह पूरा मामला उनके अपने व्यापार से जुड़ा है। ऐसे में, इससे सोनिया गांधी और राहुल गांधी का क्या संबंध?' अब कांग्रेस इसी बात को आगे लेकर जाने की तैयारी में है।
कहीं दूसरे मामले न उभर जाएं
पार्टी को लगता है कि इस मामले को लेकर जांच चलते हुए कई दूसरे मामले उभर सकते हैं। ऐसे में समय रहते इससे दूरी बना लेना बेहतर विकल्प साबित होगा। जबकि, इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया करने से सत्तापक्ष को हमलावर होने का मौका मिलेगा।
पार्टी इसलिए रक्षात्मक
सूत्रों के मुताबिक, सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस छुट्टियों से वापसी के बाद पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उभरते राजनीतिक कद के मद्देनजर उनकी राह में कोई रोड़ा नहीं चाहती।
- 'सूट बूट' के राहुल के तंज को जिस तरह से 'जीजाजी' से जोड़ा गया कांग्रेस उससे भी चिंतित है।
- पार्टी को लगता है कि वाड्रा के मामले के कारण केंद्र सरकार पर राहुल के वार की धार कमजोर हुई है।
- ऐसे में कांग्रेस की कोशिश पार्टी को इस मामले से परे रखने की है।
क्या है मामला
हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के जमीन सौदों की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। दिल्ली हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एसएन ढींगरा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें छह माह के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी है।