नोटबंदी पर मुख्यमंत्रियों की समिति में नहीं होंगे कांग्रेसी सीएम
मुख्यमंत्रियों की उपसमिति में सामी के इनकार के बाद विपक्ष शासित राज्यों का कोई मुख्यमंत्री नहीं रह गया है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी के तरीकों पर सवाल उठा रही कांग्रेस के सैद्धांतिक एतराज को देखते हुए पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायण सामी ने डिजिटल पेमेंट पर बनी मुख्यमंत्रियों की उपसमिति से खुद को अलग रखने का केन्द्र को संदेश भेज दिया है। समझा जाता है कि सामी ने कांग्रेस हाईकमान के निर्देश के बाद इस समिति में शामिल होने से मना किया है।
मुख्यमंत्रियों की उपसमिति में सामी के इनकार के बाद विपक्ष शासित राज्यों का कोई मुख्यमंत्री नहीं रह गया है। भाजपा के सहयोगी आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में गठित इस समिति में गैर एनडीए खेमे से केवल उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं जिनकी पार्टी मध्यमार्ग के रास्ते पर चल रही है। इस उपसमिति की गुरुवार को दिल्ली में हुई पहली बैठक में नहीं आने की सूचना नारायण सामी ने केन्द्र को पार्टी नेतृत्व से उन्हें मिले निर्देश के बाद भेज दी।
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सूत्रों के अनुसार सामी की वित्त मंत्री अरुण जेटली से फोन पर हुई बातचीत के बाद उपसमिति का सदस्य बनाने का निर्णय लिया गया था। हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सामी ने तब भी केन्द्र को यह बता दिया था कि हाईकमान से बात करने के बाद ही वे इस बारे में फैसला कर सकेंगे।
कांग्रेस का तर्क है कि नोटबंदी की दिक्कतों और तरीकों को लेकर जब सरकार के साथ उसका सैद्धांतिक मतभेद है तो फिर पार्टी शासित राज्य का मुख्यमंत्री इस हालात पर बनी सरकार की किसी समिति का सदस्य हो यह राजनीतिक रुप से मुफीद नहीं बैठता। वैसे सामी से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समिति में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। हालांकि नीतीश कुमार नोटबंदी के फैसले का शुरू से समर्थन कर रहे हैं मगर उन्होंने डिजिटल पेमेंट पर बनी इस समिति से खुद को दूर रखने का फैसला किया।
बताया जाता है कि समिति के गठन से पहले केन्द्र ने त्रिपुरा में वामपंथी सरकार के मुख्यमत्री माणिक सरकार को भी इसमें शामिल होने के लिए टटोला था। लेकिन नोटबंदी पर वामपंथी दलों के राजनीतिक एतराज और तकनीकी मामलों में पारंगत नहीं होने की बात कह माणिक सरकार ने भी अपनी असमर्थता जता दी थी।
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