लोग चीख रहे थे और जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूद रहे थे, बड़ा ही खौफनाक था मंजर!
New York USA 9/11 Terror Attack मर्सी उन चंद लोगों में शामिल थीं जो 9/11 हमले में जिंदा बच गई थीं। उन्होंने लोगों को खिड़कियों से कूदते देखा था।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। New York, USA 9/11 Terror Attack 11 सितंबर 2001 का वो दिन जब न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए दो हवाई हमलों ने अमेरिका को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। लोगों की चीख और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर को ध्वस्त होते और धूल का गुबार उठते पूरी दुनिया ने अपने टीवी सेट पर देखा था। जब धूल छटी तो वहां पर लाखों टन मलबा था, जो बाद में दुनिया के कई देशों में भेजा गया था।
सैकड़ों इमारतों पर हजारों किलो धूल जमी थी। दिन के उजाले में भी धूल के गुबार से सूरज की रोशनी इस कदर ढक गई थी कि अंधेरा हो गया था। इसी धूल से ढकी सैकड़ों लोगों में से एक मर्सी बॉर्डर भी थी, जो बाद में दुनिया भर के अखबारों की सुर्खियां बनी थी। धूल से लिपटी इस महिला को डस्ट लेडी कहा गया था और इस फोटो को उस समय की आइकॉनिक फोटो बताया गया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराते विमान और धूल से लिपटी मर्सी की फोटो इस हमले की पहचान बनी थी।
इतिहास के इस सबसे बड़े आतंकी हमले को अलकायदा के आतंकियों ने अंजाम दिया था। इसके लिए आतंकियों ने चार विमानों का इस्तेमाल किया था। इनमें से दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावर से टकराए थे जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकाराया था। वहीं चौथा विमान एक खेत में जा गिरा था। बताया जाता है कि इस विमान में सवार यात्रियों ने आतंकियों से पूरा संघर्ष किया था जिसकी वजह से वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके थे और विमान अनियंत्रित होकर खेत में जा गिरा था। माना जाता है कि इस विमान का टार्गेट व्हाइट हाउस था।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों को गिरते हुए सैकड़ों किमी दूर से भी लोगों ने देखा था और इसके दर्द को महसूस किया था। एक इंटरव्यू में मर्सी बॉर्डर इस भयानक मंजर को बताते हुए इस कदर भावुक हो गई थीं कि उन्हें शांत करने के लिए खुद इंटरव्यू लेने वाले शख्स को आना पड़ा था। मर्सी वहां बैंक ऑफ अमेरिका (BankOf America) में बतौर लीगल असिसटेंट थीं।
उन्होंने बताया था कि जिस वक्त ये हमला हुआ था उस वक्त वो नॉर्थ टावर की 81वीं मंजिल पर थीं। हवाई जहाज के इमारत से टकराते ही वहां पर आग और धुएं का गुबार फैल गया। हर तरफ इमारत के शीशे और मलबा पड़ा था। कोई नहीं समझ पा रहा था कि आखिर क्या हुआ है। लोग दहशत के मारे खिड़कियों से नीचे कूद रहे थे। हर किसी के लिए ये एक भयावह मंजर था। इस हमले में मर्सी उन चंद खुशनसीब लोगों में थीं जो हमले में जिंदा बच गई थीं।
मर्सी की जिस फोटो को डस्ट लेडी का नाम दिया गया उसको फ्रांस प्रेस के फोटोग्राफर स्टेन होंडा ने खींचा था। इसके बाद ये फोटो पूरी दुनिया में वायरल हो गई थी। हर अखबार और हर मैगजीन ने इसको अपने फ्रंट और कवर पेज पर छापा था। 9/11 हमले के नाम पर जो फोटो सबसे अधिक वायरल, शेयर और डिस्ट्रीब्यूट की गई वो यही फोटो थी।
मर्सी न्यूजर्सी के बेयोन की रहनी थीं। इस हमले के बाद वो डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं। वो ज्यादातर तनाव में रहती थीं और उनके मन में नकारात्मक विचार अधिक आते थे। इसकी वजह से उन्हें गुस्सा भी काफी आता था। यही वजह थी कि उनका अपने पार्टनर से अलगाव हो गया और उनके बच्चों की कस्टडी भी उनसे छीन ली गई थी। वो बहुत ज्यादा शराब और ड्रग्स लेने लगी थीं।
2 मई 2011 को जब अमेरिका के नेवी सील के कमांडो ने अलकायदा के चीफ ओसाबा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में ढेर किया तो मर्सी के जीवन में भी कुछ सकारात्मक बदलाव भी हुए। वो खुद को काफी पॉजीटिव मानने लगी थीं और गुस्सा भी कम करती थीं। मर्सी को 9/11 हमले में उठी धूल की वजह से स्टॉमैक कैंसर हो गया था जिसका पता उन्हें 2014 में चला। इसका खुलासा भी उन्होंने इंटरव्यू के दौरान ही किया था। इसी बीमारी की वजह से 24 अगस्त 2015 को निधन हो गया था।
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