Move to Jagran APP

MSRTC के फैसले के खिलाफ आठवीं के छात्र ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

महाराष्‍ट्र में एक आठवीं क्‍लास के छात्र ने एमएसआरटीसी के खिलाफ एक याचिका दायर की है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 12:47 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 01:55 PM (IST)
MSRTC के फैसले के खिलाफ आठवीं के छात्र ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
MSRTC के फैसले के खिलाफ आठवीं के छात्र ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

मुंबई (जेएनएन)। वसई में रहने वाले आठवीं क्‍लास के एक छात्र शरियन डाबरे ने महाराष्‍ट्र स्‍टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के उस फैसले के खिलाफ एक याचिका दायर की है जिसमें इंटर-सिटी बस सर्विस को बंद करने की बात कही गई है। याचिका में छात्र ने कहा है कि एमएसआरटीसी के इस फैसले से न सिर्फ उसकी पढ़ाई प्रभावित होगी बल्कि दूसरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसी मुद्दे पर एक और याचिका काे भी बॉम्‍बे हाईकोर्ट में दायर किया गया है।

loksabha election banner

12 वर्षीय डाबरे ने अपनी याचिका में कहा है कि वह और उसके स्‍कूल के अन्‍य साथी हर रोज सुबह साढ़े छह बजे स्‍टेट ट्रांसपोर्ट की लेकर कोलीवाडा के सेंट एंथनी कॉवेंट हाई स्‍कूल पहुंचते हैं। अपनी याचिका में उसने कहा है क उसकी व‍ार्षिक परीक्षा 29 मार्च से शुरू हो रही हैं जोकि 12 अप्रेल तक चलेंगी। यदि इस बीच एक अप्रेल से एमएसआरटीसी की बसें इस क्षेत्र में नहीं चलेंगी तो उसके साथ अन्‍य छात्रों के लिए भी परेशानी बढ़ जाएगी और वह भी तब जब उसके एग्‍जाम चल रहे होंगे। वहीं दूसरी ओर उसके टीचर का कहना है कि एमएसआरटीसी छात्रों को मंथली कंसेशन पास देना भी बंद कर दिया है। इससे मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। डाबरे की इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई होनी है।

डाबरे का कहना है कि वह और उसके साथी पिछले दो वर्षों से इसी माध्‍यम से स्‍कूल जा रहे हैं। यदि यह बंद हो जाती है तो इससे छात्रों के भविष्‍य को भी खतरा हो सकता है। उसका यह भी कहना है कि यदि वह दूसरे ट्रांसपोर्ट का इस्‍तेमाल करता है तो उसको स्‍कूल पहुंचने और वापस घर आने में काफी देर हो जाएगी। इसका प्रभाव उसकी पढ़ाई पर भी होगा।

दरअसल, पिछले वर्ष सितंबर में एमएसआरटीसी ने इंटर सिटी बस सर्विस को बंद करने का एलान किया था। इसके बाद वसई विरार म्‍यूनिसिपल ट्रांसपोर्ट से इस क्षेत्र में बसें चलाने को कहा गया था। इससे पूर्व इस क्षेत्र में एमएसआरटीसी की 48 बसें सेवा देती थीं, जिन्‍हें बाद में घटाकर 14 कर दिया गया था। एमएसआरटीसी को इस क्षेत्र में अपनी बसें चलाने के लिए वीवीएमटी से नो-ऑब्‍जेक्‍शन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है, इसके बाद भी एमएसआरटीसी द्वारा यहां पर पहले सेवाएं दी जा रही थीं।

दरअसल, जनवरी के दौरान एमएसआरटीसी ने करीब 25 बसों को बंद कर दिया है। इसमें वसई के राणागांव, गिरीज, भुईगांव, कालांब, राजोड़ी, नाला, गास, उमराले जैसे बस रूट शामिल हैं। हालांकि क्षेत्र के लोगों द्वारा इसका विरोध करने पर यहां पर 31 मार्च तक बसें चलाने का फैसला किया गया है। इस क्षेत्र में अभी तक एमएसआरटीसी की बसें 622 चक्‍कर लगाती हैं। इस दौरान यह बसें 4266 किमी की दूरी तय करती हैं। इस क्षेत्र से पहली बस सुबह करीब ढ़ाई बजे चलती है। जिसका फायदा यहां के किसान और दूधवाले उठाते हैं। इसकी बदाैलत इनका सामान रोज मुंबई पहुंचता है।

गिलगिट-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत बनाने पर PoK में लगे पाक विरोधी नारे

खुशहाली के मामले में भारत से कहीं आगे है पाकिस्तान, डेनमार्क है नंबर वन

यूपी की कमान योगी के हाथों में सौंपने से पाक मीडिया में मची हलचल

सभी राष्‍ट्रीय खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.