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केजरीवाल सरकार और उपराज्‍यपाल में टकराव

खांसी की बीमारी और पार्टी में असंतोष के बवाल से जूझ रहे सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनिवास ने भी तगड़ा झटका दिया है। उपराज्यपाल नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी (आप) के दो विधायकों की दिल्ली पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई पिटाई की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2015 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2015 08:09 AM (IST)

नई दिल्ली। खांसी की बीमारी और पार्टी में असंतोष के बवाल से जूझ रहे सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनिवास ने भी तगड़ा झटका दिया है। उपराज्यपाल नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी (आप) के दो विधायकों की दिल्ली पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई पिटाई की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराने संबंधी केजरीवाल के आदेश को खारिज कर दिया है।

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नजीब जंग ने इस टिप्पणी के साथ संबंधित फाइल सरकार को वापस लौटा दी है कि इस मामले की न्यायिक जांच की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा है कि मजिस्ट्रेट के बदले इस मामले की जांच किसी भारतीय प्रशासनिक सेवा से अवकाश प्राप्त अधिकारी से कराई जा सकती है। इतना ही नहीं, उपराज्यपाल जंग ने अफ्रीकी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराने के केजरीवाल के आदेश को भी खारिज कर दिया है। समझा जा रहा है कि जंग के इस फैसले से राजनिवास व सरकार के संबंधों में तल्खी आ सकती है।

पिछले माह हुई थी पुलिस से झड़प

बता दें कि पिछले माह शहर के बुराड़ी थाने में आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा तथा अखिलेश पति त्रिपाठी और उनके समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई थी। ऐसे में आरोप लगाए गए थे कि पुलिस ने आम आदमी पार्टी के विधायकों की पिटाई की। हालांकि, बुराड़ी थाने में मुकदमा विधायकों के खिलाफ ही दर्ज हुआ। दिल्ली विधानसभा की बैठक में आप के विधायकों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए।

21 फरवरी को दिया था आदेश

बीते 21 फरवरी को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अफ्रीकी महिला से सामूहिक दुष्कर्म और विधायकों के साथ मारपीट के मामले की जांच मजिस्ट्रेट से कराए जाने के आदेश जारी कर दिए, लेकिन उपराज्यपाल जंग ने उनके आदेश को खारिज कर दिया है।

बड़े मामले में होती है मजिस्ट्रेट जांच

उच्चपदस्थ सूत्रों ने उपराज्यपाल के निर्णय की पुष्टि करते हुए जानकारी दी कि उन्होंने इस दलील के साथ मुख्यमंत्री केजरीवाल के आदेश पर रोक लगाई है कि मजिस्ट्रेट द्वारा जांच तब कराई जाती है जब किसी की मौत हो गई हो अथवा कोई बहुत बड़ा मामला हो।

पिछले कार्यकाल में भी रिश्ते हुए थे तल्ख

सनद रहे कि केजरीवाल के पिछले कार्यकाल में भी सरकार और राजनिवास के बीच रिश्तों को लेकर तल्खी महसूस की गई। हालांकि, अपने तत्कालीन मंत्री सोमनाथ भारती के मामले में धरने पर बैठे केजरीवाल का धरना समाप्त कराने में अपनी बेहतरीन भूमिका से जंग ने मुख्यमंत्री और खुद के रिश्तों पर जम रही बर्फ की परतों को पिघला डाला था। लेकिन तकरार की सूरत फिर से बन रही है, लिहाजा यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सियासी और प्रशासनिक संबंधों में गरमाहट बनाए रखने की पहल किधर से होती है।

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