जल्द सुनवाई की मांग के लिए वरिष्ठ वकील नहीं होंगे पेश
वकीलों के बीच मामला पेश करने की होड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा सिर्फ एडवोकेट आन रिकार्ड (एओआर) ही करेंगे मेंशनिंग..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मामले में जल्दी सुनवाई की तारीख लेने के लिए वकीलों के बीच सुबह मचने वाली होड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकीलों पर बिना बारी मामले की जल्द सुनवाई की मांग करने पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि अब से सिर्फ एडवोकेट आन रिकार्ड (एओआर) ही मामले की मेंशनिंग करेंगे।
एओआर वह वकील होता है जो सुप्रीम कोर्ट मे केस दाखिल करने के लिए अधिकृत है। सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ एओआर ही केस दाखिल कर सकता है और एओआर बनने की लिए परीक्षा पास करनी होती है। परीक्षा सुप्रीम कोर्ट ही कराता है। हालांकि एओआर बनने के बाद कोई वकील वरिष्ठ नहीं हो जाता वह जूनियर ही रहता है। सुप्रीम कोर्ट मे एक और परंपरा है वरिष्ठ वकील के नाम से केस दाखिल नहीं होता। वरिष्ठ वकील सिर्फ मामले में बहस के लिए ही किया जाता है। हालांकि एओरआर बहस भी कर सकता है उसके बहस करने पर कोई रोक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के इस ताजे रुख का कारण मंगलवार की घटना है जब मेंशनिंग को लेकर जूनियर वकीलों ने वरिष्ठ वकीलों पर सारा समय ले जाने और उनका नंबर न आने का मुद्दा उठाया था। बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट में परंपरा के मुताबिक सुबह 10-15 मिनट तक वकील बिना बारी के अपने केस का जिक्र कर परेशानी बताते हुए जल्द सुनवाई की मांग करते हैं। कई बार नये दाखिल अर्जेन्ट मामलों की भी सुबह मेंशनिंग की जाती है। मुख्य न्यायाधीश ही प्रशासनिक मुखिया होते हैं इसलिए ज्यादातर मामले उनकी पीठ में ही मेंशन होते हैं। सुबह की मेंशनिंग में ज्यादातर समय वरिष्ठ वकीलों के हिस्से चला जाता था।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ के समक्ष मेंशनिंग चल रही थी। काफी देर मेंशनिंग सुनने के बाद जब जस्टिस मिश्रा ने मेंशनिंग में और मामले सुनने से मना कर दिया तो एक जूनियर वकील ने मेंशनिंग का ज्यादा वक्त वरिष्ठ वकीलों द्वारा ले लिए जाने पर आपत्ति जताई। जूनियर वकील का कहना था कि वरिष्ठ वकील कई कई मामलों की मेंशनिंग कर लेते हैं और जूनियर वकील लंबे समय तक इंतजार करते रहते हैं जब उनका नंबर आता है तो कोर्ट आगे मेंशनिंग सुनने से मना कर देता है। क्या जूनियर को अपने मुवक्किल के लिए एक केस मेंशन करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। जो मुवक्किल वरिष्ठ वकील की सेवाएं नहीं ले सकते उनके हित इससे प्रभावित होते हैं। हालांकि कल पीठ ने जूनियर वकील की दलीलों पर नाराजगी जताई थी। लेकिन आज कोर्ट ने साफ कह दिया कि मेंशनिंग एओआर ही करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में सुबह की मेंशनिंग कोई तय प्रक्रिया नहीं है। इसे लेकर पहले भी सवाल उठे हैं। जस्टिस एमएन वेंकेटचलैया जब मुख्य न्यायाधीश थे तो उन्होंने वरिष्ठ वकीलों को केस मेंशन करने से रोका था और कहा था कि जूनियर मेंशन करें इससे उन्हें सीखने का मौका मिलेगा। जस्टिस एसएच कपाडि़या ने बिना नंबर के सुबह की मेंशनिंग पर रोक लगा दी थी। हालांकि वकील फिर भी गाहे बगाहे अर्जेन्ट मैटर मेंशन कर देते थे।
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