दवाओं के भ्रामक विज्ञापन टीवी पर दिखाए तो होगी कार्रवाई
केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों को दी चेतावनी....
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों को आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथिक उत्पादों तथा दवाओं के भ्रामक या झूठे दावे करने वाले विज्ञापनों को न दिखाने की चेतावनी दी है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के निदेशक (प्रसारण) अमित कटोच ने इस संबंध में परामर्श जारी किया है। इसमें कहा गया है कि चैनलों को केवल उन उत्पादों और दवाओं का विज्ञापन करना चाहिए जिनके पास वैध लाइसेंस हों। ऐसा नहीं होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आयुष मंत्रालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कहा था कि कुछ चैनल इस तरह की दवाओं के बढ़ा-चढ़ाकर या अनुचित दावे वाले विज्ञापन दिखा रहे हैं। इसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह परामर्श जारी किया है।
परामर्श में कहा गया है कि इस तरह के विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं और खुद ही दवा लेने के चलन के साथ स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा कर रहे हैं। ऐसे विज्ञापनों या कार्यक्रमों में स्वयंभू डॉक्टर, गुरु और वैद्य सभी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के चमत्कारिक समाधान सुझाते हैं। परामर्श के अनुसार इन उत्पादों और दवाओं के गुमराह करने वाले विज्ञापन दवा और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून 1954 और ड्रग्स और कॉस्मेटिक कानून 1940 का उल्लंघन करने वाले हैं। परामर्श में इन कानूनों का अक्षरश: पालन करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
यह भी पढ़ेंः जूनियर ट्रंप-रूसी वकील की मुलाकात को लेकर अमेरिकियों की है ये राय