डीजल टैक्सी : बैन के खिलाफ SC में केंद्र की अर्जी, मोहलत देने की अपील
दिल्ली और एनसीआर में डीजल टैक्सियों पर बैन हटाने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में डीजल से चलने वाली टैक्सियों के संबंध में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर मोहलत देने की मांग की । इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार 9 मई को होगी। अदालत में दलील देते हुए केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि बीपीओ उद्योग बड़े पैमाने पर इन टैक्सियों का इस्तेमाल होता है। लिहाजा बैन लगाने से इस उद्योग पर खासा असर पड़ रहा है।
डीजल टैक्सी पर प्रतिबंध से एक अरब डॉलर का नुकसान
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में कमर्शियल टैक्सी ऑपरेटर्स द्वारा डीजल गाडी़ चलाने पर १ मई से प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने फैसले सभी टैक्सी ऑपरेटर्स को सीएनजी आधारित टैक्सी चलाने के निर्देश दिए थे। अदालल ने टैक्सी ऑपरेटर्स की अपील को ठुकराते हुए कहा था कि राजधानी में प्रदूषण का मुद्दा अहम है। अदालत लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दे सकती है। ऑपरेटर्स ने जब दलील दी कि इस फैसले से हजारों परिवारों पर असप पड़ेगा तो अदालत ने साफ किया कि आप लोग दिल्ली और एनसीआर के बाहर डीजल गाड़ियों को बेच कर सीएनजी गाड़ियां खरीद सकते हैं।
बैन से लोगों को भी हो रही है परेशानी
सड़कों से डीजल टैक्सियों के हटने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। पुलिस और दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने अब तक करीब 150 कैब के खिलाफ मामला दर्ज किया और कई को जब्त किया है।
पुलिस ने डीजल से चलने वाली कैब के खिलाफ एक्शन लिया जबकि सरकार ने सर्ज प्राइसिंग के लिए करीब 60 कैब पर कार्रवाई की।
दिल्ली में करीब 27 हजार डीजल टैक्सियां पंजीकृत
दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक दिल्ली में करीब 60 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं और उनमें से 27 हजार डीजल से चलने वाली हैं। ऐसी टैक्सियों के सड़कों से दूर हो जाने से मुसाफिरों को दिक्कतें हो रही हैं। क्योंकि कई डीजल कैब लोगों को दिल्ली, नोएडा, गुडगांव और गाजियाबाद से लाती और ले जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर ऑल इंडिया परमिट वाली टैक्सियों पर लागू नहीं है लेकिन ज्यादातर डीजल टैक्सियां लोकल रूट्स पर चलती हैं।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बतााय कि नियमों के मुताबिक जिन टैक्सियों के पास ऑल इंडिया परमिट है। उन्हें करीब 200 किलोमीटर दूरी तय करने की जरूरत है। ऑल इंडिया परमिट वाली टैक्सियां गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के भीतर नहीं चलाई जा सकती हैं।