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डीजल टैक्सी पर पाबंदी से होगा एक अरब डॉलर का नुकसान

डीजल टैक्सी के बैन पर लगभग एक अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। आईटी उद्योग के शीर्ष संगठन नैस्कॉम ने इसे रिमाइंड किया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 04 May 2016 09:55 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 10:58 PM (IST)
डीजल टैक्सी पर पाबंदी से होगा एक अरब डॉलर का नुकसान

नई दिल्ली, प्रेट्र। डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध 2-3 हफ्ते बना रहा तो बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (बीपीएम) सेक्टर को एक अरब डॉलर यानी करीब 6,650 करोड़ रुपये की चपत लग सकती है। आइटी उद्योग के शीर्ष संगठन नैस्कॉम ने इसे लेकर चेताया है।

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संगठन जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डीजल वाहनों को सीएनजी में तब्दील किए जाने की 30 अप्रैल की समयसीमा को बढ़ाने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद उद्योग के सामने यह स्थिति पैदा हुई है। नैस्कॉम की सीनियर वीपी संगीता गुप्ता ने कहा कि इतने भारी नुकसान को देखते हुए उनका संगठन इस मामले में अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहा है।

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डीजल वाहनों पर पाबंदी से बीपीएम (पूर्व में बीपीओ) उद्योग थम सा गया है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बीपीएम सेक्टर 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है। इनमें 38 फीसद कर्मचारी महिलाएं हैं। उनकी सुरक्षा के लिहाज से उन्हें दफ्तर लाने और वापस घर पहुंचाने के लिए कैब सेवा बेहद अहम है। इस प्रतिबंध की वजह से बीते दो दिनों से 5-5 घंटे आवाजाही में लग रहे हैं। खासकर तब जब अधिकांश बीपीएम कंपनियां नोएडा और गुड़गांव में हैं, जबकि इनमें कार्यरत करीब 65 फीसद कर्मचारी दिल्ली में रहते हैं।

कई डीजल वाहनों को जब्त कर लिया गया है। ऐसे हालत में बुधवार को नैस्कॉम ने एक आपात बैठक भी बुलाई थी। नैस्कॉम के प्रतिनिधि इस मामले में दिल्ली पुलिस तथा आइटी मंत्रालय समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से मुलाकात कर चुके हैं। प्रतिनिधियों ने आइटी मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह अन्य मंत्रालयों के सामने उद्योग के मसले को उठाए। इस दौरान दिल्ली और एनसीआर में डीजल कैब पर प्रतिबंध के मद्देनजर उद्योग समक्ष परिवहन के भरोसेमंद विकल्पों की कमी को पर भी चर्चा की गई।


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