फर्जी थानेदार व वकील से कराई बैंक वसूली
निजी बैंक की ऋण वसूली के लिए फर्जी पुलिस अधिकारी व वकील द्वारा एक व्यक्ति को डराने व बैंक में पैसे जमा कराने का मामला सामने आया है। मामले में माणकचौक पुलिस ने स्थानीय एचडीएफसी बैंक के तत्कालीन प्रबंधक मुक्तेश माहेश्वरी सहित दो अन्य लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण
रतलाम। निजी बैंक की ऋण वसूली के लिए फर्जी पुलिस अधिकारी व वकील द्वारा एक व्यक्ति को डराने व बैंक में पैसे जमा कराने का मामला सामने आया है। मामले में माणकचौक पुलिस ने स्थानीय एचडीएफसी बैंक के तत्कालीन प्रबंधक मुक्तेश माहेश्वरी सहित दो अन्य लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
फिलहाल बैंक अधिकारी उज्जैन की एचडीएफसी शाखा में पदस्थ है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। एसपी डॉ. आशीष ने बताया कि अब्दुल रसीद पिता अब्दुल रहमान कुरैशी (41) निवासी कोठारी वास ने माणकचौक थाने पर लिखित शिकायत की थी। इसके अनुसार उसने 2005 में मोटरसाइकल खरीदी करने के लिए एचडीएफसी बैंक से ऋण लिया था। ऋण की राशि जमा करा दी, लेकिन पेनाल्टी व ब्याज बकाया था।
फोन आया और धमकी मिली..
21 फरवरी 2015 को रसीद के मोबाइल फोन पर कॉल आया। सामने वाले ने कहा कि वह गांधीनगर पुलिस मुख्यालय का थाना प्रभारी राजवीरसिंह राठौर बोल रहा है। तुम्हारा दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। न्यायालय से तुम्हारा गिरफ्तारी वारंट व कुर्की आदेश आया है। राठौर ने कहा कि सतीश शर्मा उनका वकील है, उससे बात कर लो। फर्जी टीआई राठौर ने जो नंबर दिया उस पर रशीद ने फोन किया। इस पर सामने वाले व्यक्ति ने कहा व एडवोकेट सतीश शर्मा बोल रहा है। एकाध घंटे में बैंक जाकर राशि जमा करा दो, वे फाइल रुकवा देते हैं।
दस हजार में हुआ सेटलमेंट
फरियादी श्री कुरैशी ने बताया कि उसने कई साल पहले मोटरसाइकल एक व्यक्ति को बेच दी थी। ऋण की किस्तें भी जमा करा चुका हूं। पेनाल्टी व ब्याज के 25 हजार रुपए बकाया हैं। थाना प्रभारी व वकील के नाम फोन आने के तत्काल बाद वह बैंक पहुंचा तो मैनेजर मुक्तेश ने कहा कि फोन आ गया। रुपए जमा कराओ। उसने कहा कि 25 हजार रुपए नहीं है। इस पर चर्चा करते हुए 10 हजार रुपए में मामला खत्म करने का सेटलमेंट हुआ।