सीरिया पर कैमरन के बयान से भारत खफा
ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सीरिया पर अंगुली उठाने वालों मुल्कों में भारत का नाम लेना नई दिल्ली को नागवार गुजरा है। बयान पर नई दिल्ली ने एतराज जताया है। सीरिया में सैन्य दखल की अमेरिकी तैयारियों के बीच भारत ने स्पष्ट किया है कि इस मामले का सैन्य समाधान नहीं
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सीरिया पर अंगुली उठाने वालों मुल्कों में भारत का नाम लेना नई दिल्ली को नागवार गुजरा है। बयान पर नई दिल्ली ने एतराज जताया है। सीरिया में सैन्य दखल की अमेरिकी तैयारियों के बीच भारत ने स्पष्ट किया है कि इस मामले का सैन्य समाधान नहीं है। भारत ने सभी पक्षों से संयुक्त राष्ट्र संघ की जांच पूरी होने तक इंतजार करने का आग्रह भी किया है।
भारत ने कैमरन के बयान पर लंदन और नई दिल्ली में कूटनीतिक स्तर पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन की ओर से माना गया है कि यह भूलवश हो गया। महत्वपूर्ण है कि सीरिया के हालात पर ब्रिटिश संसद के आपात सत्र में कैमरन ने रासायनिक हथियार के लिए सीरिया पर अंगुली उठने वाले मुल्कों की सूची में भारत को भी रखा था। हालांकि, कैमरन सैन्य दखल के लिए ब्रिटिश संसद का मत नहीं जीत सके। महत्वपूर्ण है कि भारत ने गत 22 अगस्त को दमिश्क के आसपास रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल की खबरों पर कहा था कि अगर इसकी पुष्टि होती है तो यह गंभीर मामला है।
सीरिया में संभावित अमेरिकी सैन्य कार्रवाई पर भारत ने कहा कि नई दिल्ली हालात पर नजर रखे है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, हम सीरिया स्थित अपने मिशन के संपर्क में हैं। खुर्शीद ने माना कि यदि वहां युद्ध के हालात बने तो सीरिया को दी जा रही भारतीय आर्थिक सहायता और निवेश पर असर पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने बताया कि भारत सीरिया संकट के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (जिनेवा-2) के तहत चल रही बातचीत का समर्थन करता है जिसमें सीरियाई सरकार और विरोधियों को राजनीतिक समाधान के लिए वार्ता की मेज पर लाने की कोशिश हो रही है। भारत ने सभी पक्षों से हिंसा छोड़कर समाधान के लिए माहौल बनाने की वकालत की।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के सवाल पर भी भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की जांच का इंतजार करना पसंद करेगा। भारत ने दोहराया है कि वो दुनिया के किसी भी कोने में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ है और इन्हें पूरी तरह नष्ट करने का समर्थन करता है।
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