क्योटो प्रोटोकॉल संबंधित बिल पर कैबिनेट ने लगायी सहमति की मुहर
ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन संबंधित क्योटो प्रोटोकॉल के अलावा कई अन्य बिल पर कैबिनेट ने सहमति की मुहर लगायी है।
नई दिल्ली (एएनआई)। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन वाले क्योटो प्रोटोकॉल की दूसरी प्रतिबद्धता अवधि के लिए मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा और भी कई बिल पर कैबिनेट ने आज अपनी सहमति की मुहर लगायी।
- कैबिनेट की ओर से पटना स्थित जयप्रकाश इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के 11.35 एकड़ भूमि को बिहार सरकार की जमीन के साथ अदला-बदली की मंजूरी दे दी है।Cabinet approves ratification of Second Commitment Period of the Kyoto Protocol on containing emission of Green House Gases.
— ANI (@ANI_news) January 24, 2017
- प्रगति मैदान में वर्ल्ड क्लास कंवेंशन सेंटर के निर्माण पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। इस प्रोजेक्ट का कुल खर्च 2,254 करोड़ रुपये होगा।
- कैबिनेट ने आइआइएम संशोधन बिल पर मुहर लगा दी। इस बिल में आइआइएम की तरफ से छात्रों को डिप्लोमा की जगह डिग्री देने की मांग थी।
- केंद्रीय कैबिनेट ने नोटबंदी के बाद किसानों के नवंबर-दिसंबर 2016 में भुगतान किये जाने वाले फसली ऋण को लौटाने के लिए दो माह का अतिरिक्त समय दिये जाने के फैसले को मंजूरी दे दी है।
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पर्यावरण से जुड़ा है क्योटो प्रोटोकॉल
पर्यावरण के संबंध में 1992 में एक समझौते के तहत कुछ मानदंड निर्धारित किए गए थे जिनके आधार पर 1997 में क्योटो संधि हुई।
फिर इस संधि में कुछ संशोधनों के बाद इसे 2002 में जर्मनी में जलवायु पर हुई वार्ता के दौरान अंतिम रूप दिया गया। इस संधि के तहत औद्योगिक देश ग्रीन हाउस समूह की गैसों से होने वाले प्रदूषण को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अनुसार इन देशों को इन गैसों, विशेष तौर पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को अगले दस साल में 5 फीसद से कम करना है।
प्रोटोकॉल की बातें-
क्योटो संधि के अनुसार औद्योगिक देशों को 2008 से 2012 के बीच घटाकर 5 फीसद तक लाना है। बता दें कि इसपर हस्ताक्षर करने वाले हर देश ने इस लक्ष्य पर सहमति जतायी।