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भारत में दहशत के जिम्‍मेदार कराची में ले रहे हैं शरण: आइसीजी

ब्रसेल्‍स थिंक टैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी संगठन जिहादियों को तैयार करने के लिए वहां स्थित मदरसों का उपयोग करते हैं, जो चैरिटी के नाम पर चलाए जाते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 17 Feb 2017 07:27 AM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2017 03:25 PM (IST)
भारत में दहशत के जिम्‍मेदार कराची में ले रहे हैं शरण: आइसीजी
भारत में दहशत के जिम्‍मेदार कराची में ले रहे हैं शरण: आइसीजी

नई दिल्ली/इस्लामाबाद (जेएनएन)। आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित जमीन बन चुके पाकिस्तान के खिलाफ भारत राजनयिक और कूटनीतिक स्तर पर दबाव बनाने की कोशिश में लगा है। इतना ही नहीं ब्रसेल्स के थिंक टैंक इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) की एक रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन वहां स्थित मदरसों का बड़े पैमाने पर जिहादी फैक्टरी के तौर पर करते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि इन मदरसों को चैरिटी के नाम पर चलाया जाता है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से करीब 76 मोस्ट वांटेड आतंकियों को सौंपने को कहा है।

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FATF की बैठक में बनेगा पाक पर दबाव

पेरिस में फाइनेंनिशयल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की होने वाली आगामी बैठक में आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों को मिल रही फंडिंग पर चर्चा की जाएगी। पांच दिवसीय यह बैठक इस रविवार (19 फरवरी) से पेरिस में शुरू होगी। FATF आंतकी संगठनों को मिल रही फंडिंग के खिलाफ बनाया गया एक अंतरराष्ट्रीय संघ है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस बैठक में पाकिस्तान के जरिए हो रही टैरर फंडिंग पर अहम वार्ता होगी।

होगी कार्रवाई की मांग

पिछले महीने ही FATF मे पाकिस्तान द्वारा सब्मिट की गई रिपोर्ट में टैरर फंडिंग और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजोल्यूशन 1267 के अंतर्गत इसको रोकने के कुछ बिंदु बताए थे। इसमें आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की भी बात कही गई थी। अंग्रेजी अखबार ने अमेरिका और भारत के राजनेयिक सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस बैठक में दोनों देशों की तरफ से आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के खिलाफ सबूत सौंपे जाएंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।

दहशत फैलाने में लिप्त है पाक

इसके अलावा इसमें इस बात का जिक्र भी किया जाएगा कि यह आतंकी संगठन पाकिस्तान से संचालित होकर अन्य जगहों पर दहशत फैलाने में लिप्त हैं। इनको वहां की राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन प्राप्त हैा। इसके अलावा इसका भी जिक्र होगा कि यह चैरिटी के नाम पर अपने संगठन के लिए फंड की उगाही करते हैं। हालांकि अखबार ने सूत्रो के हवाले से यह भी कहा है कि इन सभी के बावजूद इन आतंकी संगठनों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी इसका अभी कोई पता नहीं है। लेकिन इतना जरूर है कि इस बैठक में पाकिस्तान पर दबाव जरूर बनाया जाएगा कि वह इनको खत्म करे।

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ICG की रिपोर्ट

यह पहला मौका नहीं है जब आतंकवाद और टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कवायद की जा रही है। कई देश बात को बखूबी जानते हैं कि यहां के जिहादी संगठनों पाकिस्तानी सेना का समर्थन मिला हुआ है। ब्रुसेल्स के थिंक टैंक इंटरनैशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कराची लश्कर-ए-तैयबा, जमातुद्दवा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का गढ़ है और यहां जिहादी बनाने के लिए मदरसों का इस्तेमाल किया जाता है।

कराची है आतंकियों का गढ़

पाकिस्तान के खतरनाक आतंकी संगठन कराची शहर के संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। ये संगठन यहां मदरसे और चैरिटी चलाते हैं, जिस पर पाकिस्तान सरकार किसी तरह की रोक नहीं लगाती है। ICG की रिपोर्ट, 'पाकिस्तानः स्टोकिंग द फायर इन कराची' में बताया गया है कि कैसे सांप्रदायिक, राजनीतिक और जिहादी संगठन पाकिस्तान के शहर कराची को प्रेशर कुकर बना रहे हैं। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान रेंजर्स इन जिहादी और आपराधिक संगठनों को 'अच्छे' जिहादी मानते हैं और इन संगठनों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

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आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना है कराची

सीनियर अधिकारियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कई जिहादी मास्टरमाइंड जो कराची छोड़कर चले गए थे, अब वे शहर को सुरक्षित महसूस करते हैं और वापस लौट आए हैं। ICG की रिपोर्ट में पाकिस्तान के एक प्रांतीय रिटायर्ड अधिकारी को कोट करके कहा गया है, जब पाकिस्तान और भारत में कश्मीर को लेकर तनाव बढ़ता है तो ये संगठन कराची में आ जाते हैं।

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