अब आतंकियों की खैर नहीं, घाटी को आतंकमुक्त करने का ब्लूप्रिंट तैयार
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी घुसपैठ की घटनाएं लगभग आधी रह गई है। लेकिन अभी तक यह पूरी तरह बंद नहीं हो पाई है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। कश्मीर में स्थाई शांति बहाल करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने 'आपरेशन आल आउट' पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत घाटी में सक्रिय एक-एक आतंकी को चुन-चुनकर खत्म करने की योजना है और सक्रिय आतंकियों की जिलेवार सूची बनाई गई है। लेकिन पूरे आपरेशन की असली अग्निपरीक्षा अगले गुरूवार से होने जा रही अमरनाथ यात्रा के दौरान होगी। खुफिया ब्यूरो (आइबी) पहले ही अमरनाथ यात्रा के दौरान पत्थरबाजी और आतंकी हमले की चेतावनी दे चुका है।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार घाटी में अलग-अलग आतंकी संगठनों के छोटे-बड़े कुल 258 आतंकवादी सक्रिय हैं। इनकी जिलेवार सूची तैयार है और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उनकी गतिविधियों को पता करने की कोशिश की जा रही है। इनमें 130 स्थानीय और 128 विदेशी आतंकी हैं। सबसे अधिक आतंकी सोपोर जिले में सक्रिय है। यहां स्थानीय और विदेशी आतंकियों की संख्या 39 है। जबकि कुपवाड़ा में कुल 34 आतंकी सक्रिय हैं। इसी तरह सोपियां और अवंतीपोरा में क्रमश: 26 और 25 सक्रिय आतंकी है। 'आपरेशन आल आउट' का उद्देश्य इन सभी आतंकियों को चुन-चुनकर खत्म करने की है।
इस महीने में अब तक दो दर्जन आतंकियों को मार गिराने में सफलता भी मिल चुकी है। लेकिन घाटी में सक्रिय आतंकियों को खत्म करने के साथ ही 'आपरेशन आल आउट' में ज्यादा जोर आतंकियों के घुसपैठ को पूरी तरह प्रतिबंधित करने की है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी घुसपैठ की घटनाएं लगभग आधी रह गई है। लेकिन अभी तक यह पूरी तरह बंद नहीं हो पाई है। सेना और बीएसएफ को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पूरी मुस्तैदी दिखाने को कहा गया है। इस महीने लगभग एक दर्जन आतंकी घुसपैठ की कोशिश के दौरान मारे जा चुके हैं। वैसे घुसपैठ को पूरी तरह रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की सहायता भी ली जा रही है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इस बारे में ज्यादा नहीं बोल रही है।
सुरक्षा एजेंसियों की तमाम तैयारियों की असली अग्निपरीक्षा अमरनाथ यात्रा के दौरान होगी। गुरूवार से ही अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के लिए पाकिस्तान की ओर से अलगाववादियों और आतंकियों पर जबरदस्त दबाव है। आइबी ने एक महीना पहले ही इस बारे में सुरक्षा एजेंसियों को चेता दिया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा को सबसे अधिक खतरा स्थानीय आतंकियों की तरफ है। पिछले साल आतंकी बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय युवा आतंकी बन गई है। ये स्थानीय आतंकी अमरनाथ यात्रा के आसपास के सभी रास्तों से पूरी तरह परिचित हैं। यही कारण है कि इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किये गए हैं।
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