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कालेधन पर स्विस बैंक उठाने लगे कदम

भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा किए गए कालेधन की रफ्तार पकड़ रही जांच को देखते हुए स्विट्जरलैंड स्थित बैंकों ने अपने हित सुरक्षित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कुछ बैंकों ने संभावित कार्रवाई और कानून खर्च के लिए अपने लेखे-जोखे में रकम सुरक्षित करना शुरू

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Nov 2014 08:29 AM (IST)Updated: Mon, 03 Nov 2014 09:08 AM (IST)

बर्न/नई दिल्ली। भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा किए गए कालेधन की रफ्तार पकड़ रही जांच को देखते हुए स्विट्जरलैंड स्थित बैंकों ने अपने हित सुरक्षित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कुछ बैंकों ने संभावित कार्रवाई और कानून खर्च के लिए अपने लेखे-जोखे में रकम सुरक्षित करना शुरू कर दिया है। बैंकों की ओर से ये कदम नियामकीय और कानूनी कार्रवाई की आशंका के चलते उठाए जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, काला धन जमा करने वालों के साथ मिलकर काम करने और उनके धन को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने में भूमिका को लेकर कुछ बैंक पहले ही निगरानी के दायरे में हैं। इसके अलावा, तीन बड़े यूरोपीय बैंकों की कार्यप्रणाली में कुछ ऐसी कमियां पाई गई हैं जो संदेह के घेरे में हैं। इनमें दो बैंक स्विट्जरलैंड के हैं। इनके खिलाफ कुछ भारतीय कॉरपोरेट घरानों के धन को घुमा फिराकर उनकी सूचीबद्ध कंपनियों में विदेशी निवेश के तौर पर लगाने के आरोप हैं।

पूंजीबाजार नियामक सेबी धन की राउंड टिपिंग के ऐसे मामलों में कम से कम तीन वैश्विक बैंकों और कई भारतीय कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है। घुमा-फिराकर धन को विदेशी निवेश के रूप में लाने के इन मामलों को मल्टीलेयर्ड ट्रांजेक्शनों (बहुस्तरीय भुगतान) के जरिये अंजाम दिया जाता है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक करीब 15-20 भारतीय कंपनियों की ओर से ऐसे ट्रांजेक्शन होने का संदेह है। हालांकि अधिकारी ने इन कंपनियों के नामों का ब्योरा देने से इंकार किया, क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है।


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