एचएसबीसी में मिले भारतीयों के साढ़े चार हजार करोड़
देश और विदेश से काले धन की बरामदगी के मामले में विपक्ष के निशाने पर आई सरकार और आक्रामक हो गई है। काला धन वापस लाने और घरेलू काले धन का पता लगाने के लिए चलाए गए राष्ट्रीय अभियान के तहत सरकार ने बड़ी सफलता हासिल की है। स्विस बैंक
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश और विदेश से काले धन की बरामदगी के मामले में विपक्ष के निशाने पर आई सरकार और आक्रामक हो गई है। काला धन वापस लाने और घरेलू काले धन का पता लगाने के लिए चलाए गए राष्ट्रीय अभियान के तहत सरकार ने बड़ी सफलता हासिल की है। स्विस बैंक खाताधारकों पर अपने पहले बड़े खुलासे में सरकार ने बताया है कि वहां भारतीयों के 4479 करोड़ रुपये जमा हैं। इनके अलावा आयकर विभाग ने जिन 79 खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, उनके खातों में 2926 करोड़ रुपये जमा हैं।
इसके अतिरिक्त काले धन की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआइटी) के निर्देश पर आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने देश के भीतर काले धन के कई दर्जन मामले पकड़े हैं। जांच एजेंसियों को इन मामलों में लगभग 19,000 करोड़ रुपये कालाधन होने का अनुमान है।
काले धन के संबंध में यह अहम खुलासा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता वाली एसआइटी की दूसरी रिपोर्ट में हुआ है। एसआइटी ने यह रिपोर्ट हाल में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है। सरकार ने शुक्रवार को इस रिपोर्ट के कुछ अंश आधिकारिक तौर पर जारी किए। एसआइटी की इस रिपोर्ट को राजनीतिक लिहाज से भी काफी संवेदनशील माना जा रहा है।
एचएसबीसी सूची में शामिल 628 भारतीय व्यक्तियों और संगठनों में से 201 खाताधारक या तो अनिवासी हैं या उनका पता नहीं लग पाया है। सरकार की तरफ से लगातार यह संकेत दिया जाता रहा है कि इस सूची में कुछ बड़े नाम भी हो सकते हैं। हालांकि सरकार ने अभी तक सूची में शामिल लोगों के नाम उजागर नहीं किए हैं।
आयकर विभाग की कार्रवाई
रिपोर्ट के मुताबिक सूची में शामिल 427 खाताधारकों का पता लगाकर आयकर विभाग ने कार्रवाई शुरूकर दी है। इनमें से 289 खातों में एक भी पैसा नहीं है जबकि 339 व्यक्तियों के खाते में लगभग 4,479 करोड़ रुपये जमा होने की सूचना है। यह धनराशि अधिक भी हो सकती है क्योंकि एसआइटी ने एक डालर का मूल्य 45 रुपये मानकर धनराशि का आकलन किया गया है। अगर डालर के मौजूदा मूल्य 62 रुपये के आधार पर इसका आकलन किया जाए तो यह धनराशि लगभग सवा गुना होगी। आयकर विभाग ने इस सूची में शामिल 79 लोगों के बैंक खातों में 2926 करोड़ रुपये कालाधन पकड़ा है जिस पर उनसे ब्याज और जुर्माने सहित टैक्स वसूला जा रहा है।
डीआरआइ भी सक्रिय
इस बीच एसआइटी के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए डीआरआइ ने लौह अयस्क निर्यात के 31 मामले पकड़े हैं जिनमें कर चोरी की गई है। डीआरआइ की कार्रवाई के बाद 11 मामलों में 116.73 करोड़ रुपये टैक्स सरकार के पास जमा करा दिया है, जबकि डीआरआई आगे की कार्रवाई कर रहा है। डीआरआइ ने 33 अन्य मामले आयकर विभाग, ईडी, और एफआइयू को सौंपे हैं। इन मामलों में 14957.95 करोड़ रुपये कालाधन होने का अनुमान है। इधर ईडी ने भी झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सहित विभिन्न जगहों पर कार्रवाई करते हुए लगभग 4000 करोड़ रुपये के मनीलांड्रिंग के मामले पकड़े हैं।
घरेलू कालाधन पकड़े जाने की घटनाएं इसलिए अहम हैं क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल में आयकर विभाग को देश के भीतर छुपे कालेधन को निकालने का निर्देश दिया था।