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बीरेंद्र को फिर राज्यसभा भेज जाटों को लुभाने की कोशिश

हरियाणा में जाट आंदोलन की सुगबुगाहट के बीच भाजपा ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा भेजकर बड़ा सियासी दांव खेल दिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 10:27 PM (IST)
बीरेंद्र को फिर राज्यसभा भेज जाटों को लुभाने की कोशिश

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । हरियाणा में जाट आंदोलन की सुगबुगाहट के बीच भाजपा ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा भेजकर बड़ा सियासी दांव खेल दिया है।

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बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और आठ मंत्रियों तथा विधायकों की मौजूदगी में राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनका निर्विरोध राज्यसभा जाना तय है।

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जाटों को साधने की फिर मिली जिम्मेदारी

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को फिर राज्यसभा भेजने के फैसले को भाजपा द्वारा जाटों को रिझाने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है। जाटों के उग्र आंदोलन के बाद भाजपा हाईकमान ने बीरेंद्र ¨सह को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मिलकर जाटों को मनाने का जिम्मा सौंपा था। अब फिर से बीरेंद्र सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है।

राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए जबरदस्त लॉबिंग

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह के हरियाणा से राज्यसभा जाने के बाद दूसरी सीट पर दिन भर जोड़तोड़ का खेल चलता रहा। सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल इनेलो खेल में फ्रंट फुट पर और तीसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस बैकफुट पर खेले।

हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होने हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा में बीरेंद्र सिंह का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय हो गया है, लेकिन दूसरी सीट पर भाजपा व इनेलो को सर्वसम्मति बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इनेलो नहीं चाहता कि किसी ऐसे उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाई जाए, जो विशुद्ध रूप से भाजपाई है। पार्टी की राजनीतिक साख को लेकर चिंतित इनेलो ने दिन भर अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया।

राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए भाजपा, इनेलो और कांग्रेस में से कोई भी ऐसा दल नहीं है, जो अकेले अपनी राजनीतिक ताकत के बूते पासा पलट दे। सूत्रों के अनुसार इनेलो ने डा. अखिलेश दास के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की तो भाजपा सुभाष चंद्रा के नाम पर अड़ गई। फिलहाल दूसरी सीट पर पेंच बरकरार है। मंगलवार को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। इसलिए इस दिन स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी।

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