बिहार : महागठबंधन और भाजपा से पांच प्रत्याशी जाएंगे राज्यसभा, जानिए कौन...
बिहार से पांच उम्मीदवार राज्यसभा जाएंगे। जदयू ने शरद यादव व आरसीपी सिंह, राजद ने राम जेठमलानी व मीसा भारती तथा भाजपा ने गोपाल नारायण सिंह को मैदान में उतारा है।
पटना। राज्यसभा के लिए बिहार के प्रत्याशियों की स्थिति अब स्पष्ट हो चुकी है। भाजपा व महागठबंधन के घटक दलों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। जदयू ने शरद यादव व आरसीपी सिंह, राजद ने राम जेठमलानी व मीसा भारती तथा भाजपा ने गोपाल नारायण सिंह को मैदान में उतारा है। एक नजर इन उम्मीदवारों पर....
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देश के गिने-चुने समाजवादी नेताओं में शामिल शरद यादव केंद्र की कई दफा केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। मधेपुरा लोकसभा को चार-चार बार प्रतिनिधित्व करने वाले शरद को राजनीतिक गठजोड़ में माहिर माना जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ राजग के संयोजक भी थे। दो बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
मूल रूप से होशंगाबाद मध्यप्रदेश के रहनेवाले शरद पहली बार जबलपुर क्षेत्र से लोकसभा पहुंचे थे। एक बार यूपी के बदायूं से भी जीता। इलेक्ट्रानिक इंजीनियङ्क्षरग में गोल्ड मेडलिस्ट शरद ने अब बिहार को कर्मभूमि बना रखा है।
आरसीपी सिंह (जदयू)
आरसीपी सिंह जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वह पार्टी से राज्यसभा में सदस्य भी हैं। उनका कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। उन्हें फिर से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया गया है। वह आइएएस अधिकारी रहे हैं और उनका कैडर उत्तर प्रदेश था।
नालंदा के निवासी आरसीपी सिंह, केंद्रीय मंत्री रहे नीतीश कुमार के प्रधान सचिव भी रह चुके हैं। जदयू ने उन्हें पहली बार जुलाई, 2010 में राज्यसभा का सदस्य बनाया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वे काफी करीबी माने जाते हैं और वह पार्टी संगठन की सुदृढ़ करने की मुहिम में भी सक्रिय रहते हैं।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की बड़ी बेटी डॉ. मीसा भारती पार्टी का नया चेहरा बनेंगी। सोशल मीडिया में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहने वाली मीसा पिछले लोकसभा चुनाव में राजद छोड़कर भाजपा में गए रामकृपाल यादव से हार गईं।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत में स्टार प्रचारक के रूप में मीसा ने अहम भूमिका निभाई। राजद के युवा कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय मीसा ने पीएमसीएच से एमबीबीएस की डिग्र्री भी ली है।
मशहूर वकील एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी देश में चर्चित नाम हैं। जटिल मुकदमों को अपने हुनर से पलट देने की हैसियत रखने वाले जेठमलानी को राजद ने इस बार अपने पाले में करने की कोशिश की है। भ्रष्टाचार के मामले में वे जयललिता का मुकदमा लड़ चुके हैं। हवाला मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का मुकदमा भी उन्होंने ही लड़ा था।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके जेठमलानी 2004 में वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, किंतु कामयाबी नहीं मिली थी। वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
जनसंघ के कार्यकर्ता रहे गोपाल नारायण सिंह पहली बार 1977 में जनता पार्टी की ओर से नोखा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। 2015 के विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद के नवीनगर सीट से चुनाव हार गए। भाजपा में विभिन्न दायित्वों को निर्वहन करते हुए 2003 में प्रदेश अध्यक्ष बने। डेढ़ वर्ष तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। नारायण मेडिकल कॉलेज सहित विभिन्न संस्थानों के संचालक हैं।