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मुलायम सल्तनत के अखिलेश आखिरी वारिस: भाजपा

उत्तर प्रदेश सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि जिस सरकार के पास सांसदों से मिलने का समय न हो, वह प्रदेश के विकास को लेकर कभी गंभीर नहीं हो सकती। प्रदेश सरकार की ओर से सांसदों से ज्ञापन लेने के प्रति रुचि न दिखाने

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 07:48 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 09:04 PM (IST)
मुलायम सल्तनत के अखिलेश आखिरी वारिस: भाजपा

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि जिस सरकार के पास सांसदों से मिलने का समय न हो, वह प्रदेश के विकास को लेकर कभी गंभीर नहीं हो सकती। प्रदेश सरकार की ओर से सांसदों से ज्ञापन लेने के प्रति रुचि न दिखाने पर भाजपा सांसदों ने राजभवन के लिए मार्च किया और राज्यपाल की प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल से जनहित में सामयिक हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया। ज्ञापन में प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा गया है कि तीन साल के सपा शासन में 47 प्रतिशत की विद्युत दरों में मूल्य वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार से बिजली न खरीद कर महंगी दरों पर निजी कंपनियों से बिजली खरीद हो रही है। आपदा प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण में घोर भ्रष्टाचार किया गया।

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इसके पहले सांसदों के धरने का समापन करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि मुलायम सल्तनत के अखिलेश आखिरी वारिस हैं और अपने कुकृत्यों से बदनामी की हद तक पहुंच चुकी इस सरकार का जाना तय है। भाजपा के सांसद प्रदेश की हकीकत व विकास का खाका प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने वाले थे, लेकिन सरकार को जनहित के विषयों पर बात करने की फुर्सत नहीं है।

पार्टी प्रवक्ता डा. मनोज मिश्र ने बताया कि भाजपा के सांसदों ने अपने भाषणों में उत्तर प्रदेश प्रदेश की चौपट बिजली आपूर्ति, ध्वस्त कानून व्यवस्था, महंगाई और अनियंत्रित कालाबाजारी, भर्तियों में धांधली, भ्रष्टाचार, अवैध खनन को सरकार का संरक्षण, स्थिर विकास और किसानों को मुआवजा न मिल पाने आदि मुद्दों को उठाकर सपा सरकार पर हमला बोला। इन विषयों पर ही राजभवन को दिए गए ज्ञापन में गोरखपुर जिले के सहजनवां में निषाद समाज पर गोलीकांड का मामले का भी उल्लेख किया गया है। धरने में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार सहित तमाम सांसद मौजूद थे।

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