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सचिन की तरह प्रोफेसर राव ने भी शोध में ठोका सैकड़ा

किक्रेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर के साथ प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर सीएनआर राव को भी सरकार ने शनिवार को भारत रत्न देने की घोषणा की। वास्तव में जो मुकाम 40 वर्षीय तेंदुलकर ने क्रिकेट में हासिल किया है वहीं मुकाम प्रोफेसर चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव यानी सीएनआर राव ने

By Edited By: Published: Sun, 17 Nov 2013 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2013 10:31 AM (IST)

नई दिल्ली। किक्रेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर के साथ प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर सीएनआर राव को भी सरकार ने शनिवार को भारत रत्न देने की घोषणा की। वास्तव में जो मुकाम 40 वर्षीय तेंदुलकर ने क्रिकेट में हासिल किया है वहीं मुकाम प्रोफेसर चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव यानी सीएनआर राव ने भी शोध क्षेत्र में पाया है।

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पढ़ें: भारत रत्न पाने वाले 43वें भारतीय हैं सचिन

तेंदुलकर ने एक बल्लेबाज के रूप में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़े हैं तो राव भी पहले भारतीय हैं जो शोध कार्य के क्षेत्र में सौ के एच-इंडेक्स में पहुंचे हैं। वैज्ञानिक जनता की जुबान में राव के महान कार्य की तुलना तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों से करते हैं। राव के एक वैज्ञानिक के रूप में पांच दशकों के करियर में 1400 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। ये उन चुनिंदा वैज्ञानिकों में एक हैं जो दुनिया के सभी प्रमुख वैज्ञानिक अकादमी के सदस्य हैं।

सीवी रमन, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बाद राव इस सर्वोच्च सम्मान को पाने वाले तीसरे भारतीय वैज्ञानिक हैं। राव को दुनिया के 60 विश्वविद्यालयों से डाक्टरेट की मानद उपाधि मिल चुकी है। एच-इंडेक्स को सबसे पहले भौतिक वैज्ञानिक जॉर्ज हिर्श ने वर्ष 2005 किया था।

एच-इंडेक्स किसी वैज्ञानिक के प्रकाशित शोध पत्रों की सर्वाधिक संख्या है जिनमें से कम से कम प्रत्येक का कई बार संदर्भ के रूप में उल्लेख किया गया हो। वैश्रि्वक वैज्ञानिक समुदाय का कहना है कि किसी वैज्ञानिक के मूल्यांकन के लिए उसका एच-इंडेक्स ही काफी नहीं है उसके कितने शोध पत्रों का दृष्टांत के रूप में उल्लेख किया गया यह भी होना चाहिए। प्रोफेसर राव संयोग से दुनिया के कुछ एक चुनिंदा वैज्ञानिकों में ऐसे एकमात्र भारतीय हैं जिनके शोध पत्र का दृष्टांत के तौर पर वैज्ञानिकों ने लगभग 50 हजार बार के करीब उल्लेख किया है।

राव ने केवल शोध ही नहीं किया, बल्कि शोध के साथ बेंगलूर स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च के संस्थापक भी हैं।

निजी जीवन :-

सीएनआर राव [79] का जन्म 1934 में बेंगलूर में हुआ था। 1951 में मैसूर विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद बीएचयू से मास्टर डिग्री ली। अमेरिकी पोडरू यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद 1961 में मैसूर विश्वविद्यालय से डीएससी की डिग्री हासिल की। 1963 में आइआइटी कानपुर के रसायन विभाग से फैकल्टी के रूप में जुड़कर करियर की शुरुआत की । 1984-1994 के बीच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के निदेशक रहे।

ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज समेत अनेक विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं। इसके अलावा कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय विज्ञान एसोसिएशनों के सदस्य हैं।

बधाइयों का तांता.:-

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की घोषणा के बाद बेंगलूर में शनिवार को छात्रों ने आरती उतार वैज्ञानिक सीएनआर राव को बधाई दी। इस अवसर पर उनकी पत्नी मौजूद रहीं।

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