अपने ही जाल में फंसा पाक, सिंध से लेकर लंदन तक उठी आजादी की मांग
कश्मीर मुद्दे को हवा देने वाला पाक अब अपने ही घर के अलावा वैश्विक स्तर पर भी घिरता जा रहा है। सिंध से लेकर लंदन तक लोग आजादी के नारे लगा रहे हैं।
नई दिल्ली (नई दिल्ली)। गिलगित, बलूचिस्तान और पीओके के बाद अब पाकिस्तान के सिंध में भी लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। 'आजादी' की नारे लगाते हुए आज लोग सड़कों पर उतर आए और अलग से "सिंधुदेश" की मांग की।
Mirpur Khas: After Gilgit, PoK and Balochistan now 'azaadi' slogans in Sindh (Pakistan) pic.twitter.com/K72tJvWIaB
— ANI (@ANI_news) August 29, 2016
वहीं बलूचिस्तान के नागरिकों पर पाकिस्तान के बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ अब वैश्विक स्तर बलूच नागरिकों ने अपनी कोशिशें तेज कर दी है। बलूचिस्तान की आजादी को लेकर कल जर्मनी में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद आज लंदन में भी बलूच नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किए और आजादी की मांग की। चीन-पाक आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) के खिलाफ भी बलूच और सिंधी नेताओं ने लंदन स्थित चीनी दूतावास के बाहर किया विरोध प्रदर्शन किया।
पढें- पीएम के बयान से बौखलाया पाक, तीन बलूच नेता पर केस दर्ज
लंदन में हुए इन विरोध प्रदर्शनों में "पीएम मोदी फॉर बलूचिस्तान" "है हक हमारा आजादी" और "कदम बढ़ाओ मोदी हम तुम्हारे साथ हैं।" जैसे नारे लगाए गए। वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस के चैयरमेन लखू लुहना ने बताया, "हम किसी भी कीमत पर सीपीईसी की परियोजनाओं की स्वीकार नहीं करेंगे।"
Baloch&Sindhi leaders protest against CPEC outside Chinese Embassy in London,raise "PM Modi for Balochistan" sloganshttps://t.co/ZUyRa1IPyi
— ANI (@ANI_news) August 29, 2016
एक अन्य बलूच नेता मेंगल ने कहा, "जो चीज छीन सकते हो वो छीनो, यही इन दोनों (चीन-पाकिस्तान) की कोशिश रहती है। हम पाकिस्तान और चीन को बताना चाहते हैं कि वो बलूचिस्तान में बलूची जनता की सहमति के बगैर कुछ भी नहीं कर सकते हैं।"
पढ़ें- कुत्ता कह दो मुझे, पर पाकिस्तानी कहलाना मंजूर नहीं: बलूच शरणार्थी
इससे पहले भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों की पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के कराची स्थित तकरीबन 19 दफ्तरों को सिंध सरकार ने ढहा दिया। इतना ही नहीं एमक्यूएम मुख्यालय सहित उसके 219 कार्यालयों को भी सील कर दिया गया है। इससे पहले पार्टी के सैंकड़ो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था।