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अयोध्या विवाद एक राजनीतिक समस्याः सुदर्शन राव

भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आइसीएचआर) प्रमुख प्रोफेसर वाइ सुदर्शन राव ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे को एक राजनीतिक समस्या करार दिया। उन्होंने कहा कि मस्जिद से जुड़े लोगों व धर्म को राम मंदिर के पक्ष में सबूत के बारे में समझाया जा सकता है, लेकिन असली समस्या तो वामपंथी इतिहासकार

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 12:52 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 08:03 AM (IST)

नई दिल्ली। भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आइसीएचआर) प्रमुख प्रोफेसर वाइ सुदर्शन राव ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे को एक राजनीतिक समस्या करार दिया। उन्होंने कहा कि मस्जिद से जुड़े लोगों व धर्म को राम मंदिर के पक्ष में सबूत के बारे में समझाया जा सकता है, लेकिन असली समस्या तो वामपंथी इतिहासकार हैं।

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उन्होंने बताया कि अयोध्या की सड़कों पर घूमा व रामायण के युग में जीने का अनुभव भी किया, लेकिन वामपंथी इतिहासकार वस्तुनिष्ठ सबूत की जरूरत पर जोर देते जा रहे हैं। उन्होंने इस तर्क को बेमानी करार दिया कि किसी ढांचे पर मस्जिद नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि अनुसंधान इस बात की गवाही देते हैं कि मंदिरों की जमीन पर कई मस्जिदें बनवाई गई थीं।

दक्षिण भारत में भी ऐसा हुआ था। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि रामायण अधिकांशत: वस्तुनिष्ठ सबूत पर लिखा गया है। वाल्मीकि अपने आप में एक इतिहासकार थे।

पिछले वर्ष जून में आइसीएचआर के अध्यक्ष बने राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना की ओर से आयोजित व्याख्यान में अपनी बात रख रहे थे। आयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि को दर्शाने वाली पुरातात्विक सामग्री का उल्लेख करते हुए राव ने कहा कि ऐसी कई सामग्री है, जिससे कई लोग आश्वस्त हुए। लेकिन अन्य दल इसे स्वीकार ही करने से इंकार कर रहे हैं।

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