Move to Jagran APP

हवाई यात्रा जितनी सुरक्षित है परमाणु ऊर्जा

पणजी। परमाणु ऊर्जा को भले ही लोग खतरनाक मानते हो, लेकिन यह वास्तव में उतनी ही सुरक्षित है जितनी हवाई यात्रा। देश के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोदकर ने यह बात मंगलवार को दोना पाउला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के पूर्व निदेशक

By Edited By: Published: Tue, 04 Sep 2012 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2012 05:13 PM (IST)

पणजी। परमाणु ऊर्जा को भले ही लोग खतरनाक मानते हो, लेकिन यह वास्तव में उतनी ही सुरक्षित है जितनी हवाई यात्रा। देश के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोदकर ने यह बात मंगलवार को दोना पाउला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही।

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के पूर्व निदेशक ने कहा, भविष्य में देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए बिजली उत्पादन के लिए परमाणु प्रौद्योगिकी का सहारा लेना होगा। परमाणु ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित है। लोगों की धारणा है कि सड़क यात्रा के मुकाबले हवाई यात्रा असुरक्षित है। मगर वास्तविकता में हवाई यात्रा सुरक्षित है क्योंकि इसकी मृत्यु दर कम है।

पद्मभूषण से सम्मानित काकोदकर ने कहा परमाणु संयंत्र को लेकर उन लोगों और सामाजिक कार्यकताओं के बीच व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है, जो देश में परमाणु संयंत्र लगाने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा,'1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल में हुई परमाणु दुर्घटना को परमाणु ऊर्जा के इतिहास की सबसे बड़ी घटना माना जाता है जबकि भोपाल गैस त्रासदी में उससे ज्यादा लोग मरे थे। मगर लोग अब भी चेर्नोबिल के बारे में ही बात करते हैं। अगर परमाणु संयंत्र में कोई दुर्घटना होती है तो उसे नियंत्रित किया जा सकता है।'

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.