सीमांध्र-तेलंगाना में लोस केसाथ विस चुनाव के आसार नहीं
नई दिल्ली। तेलंगाना और बाकी आंध्र प्रदेश में आगामी लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के आसार नहीं दिख रहे। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव तक तेलंगाना अस्तित्व में नहीं आ पाएगा। नतीजतन आंध्र प्रदेश में अविभाजित राज्य के रूप में आम चुनाव होंगे। इस बीच प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्री मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कि
नई दिल्ली। तेलंगाना और बाकी आंध्र प्रदेश में आगामी लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के आसार नहीं दिख रहे। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव तक तेलंगाना अस्तित्व में नहीं आ पाएगा। नतीजतन आंध्र प्रदेश में अविभाजित राज्य के रूप में आम चुनाव होंगे। इस बीच प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्री मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरण कुमार रेड्डी का साथ छोड़ तेदेपा का दामन थामने जा रहे हैं। एक चौथे मंत्री ने भी कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया है। हालांकि उन्होंने तेदेपा या रेड्डी की नई प्रस्तावित पार्टी में जाने के बारे में खुलासा नहीं किया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश के बंटवारे में करीब तीन से चार महीने का समय लगेगा। ऐसे में लोकसभा चुनाव तक बंटवारे की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाएगी। हालांकि इस पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग केंद्र सरकार के मशविरे से लेगा। अविभाजित आंध्र में कुल 42 सीटें हैं, जिनमें 25 सीमांध्र (तटीय आंध्र और रायलसीमा) और 17 सीटें तेलंगाना क्षेत्र में आती हैं। बंटवारे के बाद तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटें पड़ेंगी जबकि बाकी आंध्र में 175 सीटें होंगी। जब तक बंटवारे की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक राज्यपाल की सिफारिश पर संयुक्त आंध्र पर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। बता दें कि मुख्यमंत्री रेड्डी के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें हैं। कांग्रेस के आंध्र प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने भी सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस ने कहा कि सभी विकल्प खुले हुए हैं। उनसे जब रेड्डी के उत्तराधिकारी के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा चल रही है।