खुद को बचाने के लिए अब आसाराम करा रहे हैं 'इमोशनल ब्लैकमेलिंग'!
संत आसाराम बापू को दुष्कर्म के आरोपों से निजात दिलाने के लिए उनकी कृपापात्र शिष्या पूजा बेन ने कमान संभाल ली है। सुरेशानंद के जाने के बाद पीड़ित छात्रा की मां से मिलने के मिशन में जुटी पूजा को सोमवार को देररात सफलता मिली। कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए रात के अंधेरे में पीड़ित छात्रा के घर पह
शाहजहांपुर। संत आसाराम बापू को दुष्कर्म के आरोपों से निजात दिलाने के लिए उनकी कृपापात्र शिष्या पूजा बेन ने कमान संभाल ली है। सुरेशानंद के जाने के बाद पीड़ित छात्रा की मां से मिलने के मिशन में जुटी पूजा को सोमवार को देररात सफलता मिली। कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए रात के अंधेरे में पीड़ित छात्रा के घर पहुंची पूजा को पीड़िता के भाई और मां का कड़ा विरोध झेलना पड़ा। पुलिस ने भी पूजा को रोका, लेकिन एक घंटे की धींगामुश्ती के बाद मुलाकात में सफलता मिल गई। इस दौरान पूजा बेन ने पीड़िता की मां से मांगकर पानी भी पिया।
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पुलिस की मौजूदगी में बातचीत के दौरान पूजा ने पीड़िता की मां को विश्वास दिलाया कि संकट की घड़ी में वह व्यक्तिगत रूप से उनके साथ हैं। उन्होंने बापू का संदेश देकर 'इमोशनल' करने की कोशिश की। फिलहाल पीड़िता के परिवार पर उनकी बातों का कोई असर नहीं हुआ है। पीड़िता के भाई ने पूजा के प्रयास को 'इमोशनल ब्लैकमेलिंग' करार दिया। कहा कि पिता की अंध भक्ति और आस्था की वजह से यह दिन देखने को मिल रहा है। बहन को न्याय दिलाने के लिए अब वह बापू और उनके शिष्यों के वशीकरण में फंसने वाले नहीं है।
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पुलिस की सुरक्षा पर सवाल पीड़ित छात्रा के परिवार से मिलने पहुंची संत आसाराम की शिष्या पूजा को पुलिस ने आखिर क्यों मिलने दिया। क्या इससे पीड़ित परिवार और छात्रा की सुरक्षा को खतरे का सवाल भी उठने लगा है। इस पर कोतवाल जीत सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि पीड़ित परिवार की मर्जी बगैर किसी को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। जो भी मिलने के लिए जा रहा है, पुलिस के पास उसका रिकार्ड भी मौजूद है। सुरक्षा को कोई खतरा नहीं।
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