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IS को 'शपथ पत्र' भेजने में सरकारी कंप्यूटर का इस्तेमाल करते थे गिरफ्तार संदिग्ध

हैदराबाद में छापेमारी कर एनआइए को दो कंप्यूयूटर मिले जिसमें से एक ई-गवर्नेंस के तहत मी सेवा केंद्र में इस्तेमाल किया जाने वाला निकला।

By anand rajEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2016 05:57 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2016 08:10 PM (IST)

नई दिल्ली। पिछले दिनों एनआइए ने हैदराबाद में दस ठिकानों पर छापेमारी कर 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया। इन संदिग्धों से पूछताछ के बाद चौंकाने वाले खुलासेे हुए हैं। एनआइए ने दावा किया है कि संदिग्धों ने आतंकी संगठन आइएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी को शपथ पत्र भेजे हैं, वे एक सरकारी कंप्यूटर के जरिए ई-मेल किए गए।

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एनआइए ने मंगलवार को हैदराबाद में तीन जगहों पर छापेमारी की, इस दौरान दो कंप्यूटर, दो स्कैनर और 9 एमएम के जिंदा कारतूस जब्त किए। जब्त किए गए कंप्यूटरों में से एक ई-गवर्नेंस के तहत मी सेवा केंद्र में इस्तेमाल किया जाने वाला कंप्यूटर निकला, जो कि एक संदिग्ध के रिश्तेदार का था।

मी सेवा केंद्र आंध्रप्रदेश सरकार का ही ई-गवर्नेंस उपक्रम है। यह केंद्र जन सुविधाओं के लिए बनाए गए हैं, जहां आकर लोग अपने यूटिलिटी बिल भी जमा करा सकते हैं।

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एनआइए के मुताबिक गिरफ्तार किए गए एक संदिग्ध इब्राहिम याजदानी का एक रिश्तेदार मी सेवा केंद्र चला रहा था। इब्राहिम यादजानी पर आरोप है कि वह आइएस की एक शाखा का मुखिया है।

सूत्रों की मानें तो संदिग्धों ने भारत में आतंकी संगठन के लिए युवाओं की भर्ती करने वाले शफी आर्मर के जरिए अबू बकर अल बगदादी को शपथ पत्र भेजे थे। शफी आर्मर को इंडियन मुजाहिद्दी का पूर्व आंतकी माना जाता है जो अब आईएस के खेमे शामिल है।

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इब्राहिम के घर से बरामद हुए कंप्यूटर से शफी आर्मर से संपर्क साधा गया था। एजेंसी का दावा है कि तालाभट्टा स्थित हबीब के घर से गोलियां भी बरामद हुई हैं।

एनआईए ने भवानीनगर के तालाभट्टा स्थित इब्राहिम के घर और मी सेवा केंद्र में छापा मारा था। एजेंसी की मानें मामले में और भी जगह छापेमारी हो सकती है और अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा सकता है।

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