सुरक्षित, स्वस्थ व समृद्ध भारत की दिशा में आगे बढ़ रही है मोदी सरकार: शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पहचान उनका बेलौस अंदाज और बिना लाग-लपेट के खरी और सीधी टिप्पणी करना है। आलोचनाओं और तीखे हमलों से बिना डिगे साहसिक फैसले लेकर वह अतीत में कई बार नतीजे भी दे चुके हैं। निर्णय लेने के बाद पीछे न हटना और नतीजों से न
नई दिल्ली, [राजकिशोर]। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पहचान उनका बेलौस अंदाज और बिना लाग-लपेट के खरी और सीधी टिप्पणी करना है। आलोचनाओं और तीखे हमलों से बिना डिगे साहसिक फैसले लेकर वह अतीत में कई बार नतीजे भी दे चुके हैं। निर्णय लेने के बाद पीछे न हटना और नतीजों से न डरने की शाह की शैली में दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद भी कोई बदलाव नहीं है। दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख राजकिशोर से बातचीत में भाजपा अध्यक्ष ने साफ कहा कि उनकी पार्टी और सरकार के लक्ष्य स्पष्ट हैं और इरादे अडिग। सुरक्षित, शिक्षित, स्वस्थ और समृद्ध भारत की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार और उनकी पार्टी आगे बढ़ रही है। हालिया राजनीतिक घटनाक्रम, जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से लेकर जमीन अधिग्रहण विधेयक और संगठन के बारे में उन्होंने खुलकर बातचीत की।
पहली बार जम्मू की भागीदारी
जम्मू-कश्मीर में सरकार वहां की जनता के दिए गए मतों के अनुरूप बनी है। जम्मू वहां हमेशा उपेक्षित रहा। दोयम दर्जे की नागरिकता रही वहां के लोगों की। पहली सरकार है, जिसमें उनकी भागीदारी है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम देखकर कोई बताए कि इसमें क्या कमी है? इसके दूरगामी नतीजे होंगे। बाकी कार्यकर्ताओं के बीच जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद जो घटनाक्रम हुए, उस पर कुछ आशंकाएं हैं। नतीजे आने के साथ वे भी दूर हो जाएंगी। अभी बुलंदशहर में कार्यकर्ताओं के साथ जब इस विषय में संवाद हुआ तो मेरी बात सुनने के बाद 95 फीसद कार्यकर्ता इस फैसले से सहमत थे। हालांकि जनता के बीच कश्मीर के साझा कार्यक्रम पर हम कोई अभियान नहीं चलाने जा रहे हैं। नतीजे ही हर बात का जवाब होंगे।
विपक्ष के दुष्प्रचार से नहीं डरते
शाह ने कहा, धारणाएं नतीजों से बनती हैं। मार्केटिंग का बुलबुला ज्यादा देर नहीं ठहरता। सभी बातों और धारणाओं पर नतीजे भारी पड़ते हैं। बाकी हम विपक्ष के आरोपों और दुष्प्रचार से नहीं डरते। हमारे खिलाफ जितना दुष्प्रचार हुआ, उसमें हम धारणाओं की लड़ाई जीत कर यहां तक पहुंचे हैं। जनता को जब फायदा मिलेगा और लोग भारतीय होने के नाते सुरक्षित, आर्थिक रूप से सशक्त और गौरवांवित महसूस करेंगे तो अपने आप सभी किस्म के दुष्प्रचार या गलत धारणाएं टूट जाएंगी। जैसा कि अतीत में भी हम तोड़ चुके हैं।
कांग्रेस की रणनीति से दिल्ली हारी
भाजपा अध्यक्ष ने पहली बार दिल्ली में भाजपा की हार पर अपनी राय सार्वजनिक करते हुए कहा कि दिल्ली में हार के कई कारण थे। पर प्रमुख वजह थी आम आदमी पार्टी के मुद्दे और कांग्रेस का रणनीतिक रूप से अपना वोट उनकी तरफ स्थानंतरित कराना। भाजपा ने देश के लिए नुकसानदेह बड़े भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया। वहीं आम आदमी पार्टी ने स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया। इसका प्रभाव सीधे लोगों की जेब पर पड़ता था। वह व्यक्ति जो 18 से 35 हजार रुपये के वेतन पाने वाला वर्ग से था, उसके लिए बिजली-पानी की घोषणा से फर्क पड़ा। कई गुमराह करने वाली झूठी घोषणाएं की गईं, लेकिन कांग्रेस ने भी अपना मत एक रणनीति के तहत उन्हें दिलाया। इसका सुबूत है कि 1200 बूथ पर जहां कांग्रेस कभी भी नहीं हारी थी, वहां भी उसे दहाई वोटों तक पहुंचना मुश्किल हो गया।
विदेशी निवेश बस बाहरी रूप
भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि अर्थव्यवस्था की संरचना बदलने पर उनका जोर है। विदेशी निवेश से फर्क जरूर पड़ता है, लेकिन वह सिर्फ बाहरी रूप है। अर्थव्यवस्था के शरीर में मांस-मज्जा तो हम अपने यहां विनिर्माण और अपने यहां रोजगार के मौके उपलब्ध करके ही दे सकते हैं। हमारा जोर आर्थिक विस्तार पर है। इसके लिए कृषि, माइनिंग और मानव श्रम क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार तेजी से काम कर रही है। 80 करोड़ लोगों को रोजगार नहीं, लेकिन स्वउद्यम दे सकते हैं। उसी दिशा में सरकार के फैसले हैं। मेक इन इंडिया पर जोर है ताकि भारतीय कंपनियां ज्यादा निर्यात करें। इसके लिए योजनाएं बनकर उन पर अमल भी शुरू हो चुका है।
20 करोड़ लोगों से रोजाना संवाद
भाजपा के संगठन विस्तार में आशातीत सफलता मिली। संगठन में आठ करोड़ से ज्यादा लोग फोन नंबर के साथ जुड़े हैं। अप्रैल तक यह आंकड़ा 10 करोड़ पहुंचेगा। यह सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बनाने के लिए नहीं, बल्कि एक मजबूत संगठन और समर्पित और जागरुक कार्यकर्ताओं की टीम बनाने के लिए हो रहा है। रोजाना पार्टी 20 करोड़ लोगों से संवाद कर सकेगी। ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुल वोट 17 करोड़ से कुछ ज्यादा मिला था।
भूमि अधिग्रहण पर जनभावनाओं का सम्मान
भूमि अधिग्रहण पर जन भावनाओं का सम्मान करना होगा। उनकी छोटी सी छोटी बातों और सुझावों को जरूरत पड़ती हो तो समायोजित किया जाए। आखिरकार सरकार जनता की है। जनता की जरूरतों के मद्देनजर ही पार्टी के सुझाव पर सरकार ने मई जून में बारिश से पहले ही खाद्यान्न की आपूर्ति का आकलन कर लिया था। इसके अनुरूप खाद्यान्न भंडार पहले ही दुरुस्त रखे, जिससे महंगाई नहीं बढऩे पाई।
कारपोरेट नहीं जनता सरकार
भाजपा पर विपक्ष कारपोरेट सरकार होने का आरोप लगाता है, जबकि तथ्य दूसरी ही बात कर रहे हैं। कोयला या स्पैक्ट्रम आवंटन की खुली नीलामी से आखिर किसको फायदा हुआ। कोयला ब्लाक आवंटन से पूर्वी राज्यों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है। सीधे पैसा राज्यों के पास जा रहा है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, प. बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा और झारखंड, अरुणाचल जैसे राज्यों को सीधे फायदा होगा और ये राज्य जो पिछड़े हैं, उनको अपनी स्थिति बदलने में फायदा मिलेगा। इसी तरह बिजली कंपनियों को खदाने न्यूनतम निविदा वाले को दी गई हैं ताकि जनता की जेब पर असर न पड़े।