रास्ता भटक गए थे गुरदासपुर हमले के आतंकी, अमरनाथ यात्री थे निशाने पर
पंजाब में घुसे आतंकियों के पाकिस्तानी होने की पुख्ता जानकारी मिली है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ कर पठानकोट के बामियाल गांव से भारत में प्रवेश किया था। खुफिया सूत्रों का कहना है कि वे अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन रास्ता भटक कर गुरदासपुर पहुंच गए
गुरदासपुर। पंजाब में घुसे आतंकियों के पाकिस्तानी होने की पुख्ता जानकारी मिली है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ कर पठानकोट के बामियाल गांव से भारत में प्रवेश किया था।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि वे अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन रास्ता भटक कर गुरदासपुर पहुंच गए और वहां उन्होंने खून खराबा किया। जीपीएस की जांच शुरू आतंकियों के पास भारी मात्रा में हथियारों के अलावा जीपीएस व कंपास (भौगोलिक स्थिति व दिशा बताने वाले यंत्र) भी मिले हैं। उनकी फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है।
इससे पता चलेगा कि वे कहां-कहां से गुजरे और किनके संपर्क में थे। सूत्रों को कहना है कि वे पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से सतत संपर्क में थे। इन यंत्रों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय फॉरेंसिक टीम ने दीनानगर थाने के पास स्थित हमले में खंडित इमारत का दौरा किया जहां आतंकी मुठभेड़ में मारे जाने से पहले छिपे हुए थे।
ये भी पढ़ेंः जीपीएस ने खोला राज, पंजाब हमले में पाकिस्तान का हाथ
रावी नदी पार की थी : तीनों आतंकवादी रविवार रात को पाकिस्तान के शाकरगढ़ के निकट गहरोत गांव से भारतीय सीमा की ओर बढ़े थे। पूरब की दिशा में आगे बढ़ते हुए आतंकियों ने रावी नदी को पार करने के बाद बामियाल गांव में कदम रखा।
किसी चैक पोस्ट पर जांच नहीं : बामियाल से आतंकियों ने सोमवार तड़के बस पकड़ी और यहीं से वे जम्मू-पठानकोट हाईवे होते हुए पंजाब के गुरदासपुर पहुंचे। हैरानी वाली बात यह है कि हाईवे पर कई पुलिस चेक पोस्ट हैं, उनकी कहीं चेकिंग नहीं हुई।
सैनिक वर्दी से बचे रहे : संभवतः सेना की वर्दी पहने होने से बस यात्रियों व चालक को भी उन पर कोई शक नहीं हुआ। हालांकि समझने वाली बात यह है कि सेना के जवान इस तरह गोलाबारूद व हथियार लेकर जम्मू-कश्मीर या किसी अन्य अशांत क्षेत्र के अलावा कहीं नजर नहीं आते हैं।
गलती से दीनानगर पहुंचे :
- आतंकियों को अमरनाथ यात्रियों पर हमले की साजिश के तहत भेजा गया था।
- बामियाल से जम्मू जाने की बजाए वे उल्टे गुरदासपुर पहुंच गए।
- यहां आते-आते पौ फटने लगी तो उन्होंने जो सामने दिखा उसे मारना शुरू कर दिया।
- कार छीनने के बाद उन्होंने आगे बढ़ने की कोशिश की
- उजाला होने पर पकड़े जाने के भय से उन्होंने थाने पर हमला कर दिया।