चीन से जारी सैन्य गतिरोध के बीच डोभाल लेंगे ब्रिक्स में हिस्सा
बागले ने कहा कि हम हमेशा बातचीत पर जोर देते आ रहे हैं। चीन के साथ बातचीत के लिए राजनयिक रास्ते हमेशा खुले हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। डोकलाम पर चीन के कड़े रवैये से भारत और चीन की सीमा पर जारी तनाव के बावजूद एनएसए अजीत डोभाल बीजिंग में होने वाली ब्रिक्स बैठक में जाएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस बात की जानकारी दी है। बागले ने कहा कि हम हमेशा बातचीत पर जोर देते आ रहे हैं। चीन के साथ बातचीत के लिए राजनयिक रास्ते हमेशा खुले हैं।
उन्होंने कहा कि इस मसले पर संवेदनशील जानकारियां साझा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि डोकलाम पर जारी तनाव पर भारत विश्व के नेताओं से बातचीत कर रहा है। हमारी कोशिश है कि चीन के साथ सीमा पर जारी विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से हल निकाला जाए। बागले ने कहा कि भूटान पर हमें चीन से कोई खतरा नहीं है। भूटान के साथ हमारा सांस्कृतिक संबंध है।
बागले ने सीमा पार से जारी पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया है। पाकिस्तान से कहा गया है कि उनकी सेना हमारे नागरिकों को निशाना बना रही है। इस महीने पाकिस्तान की फायरिंग में हमारे चार जवान शहीद हुए हैं।
अंत में कबीरदास के दोहे को पढ़ते हुए उन्होंने अपनी बात खत्म की.. साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै थोथा देई उडाय... दोहे में सद्पुरुष के गुण को एक सूप के समान बताया गया है, जैसे सूप केवल अनाज के अच्छे दानों को थोथे दानों से अलग कर देता है उसी प्रकार सद्पुरुष को भी अनिवार्य बातों को ग्रहण कर अनावश्यक बातों को छोड़ देना चाहिए। उनका इशारा चीन की हरकतों की ओर था।
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