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मणिपुर के काले चावल "चखाओ पोरेटन" से दूर होगा कैंसर

मणिपुर में जैव विविधता को संजोने के माहिर किसान पोतशंगबम देवकांत धान की सौ परंपरागत प्रजातियों की आर्गेनिक खेती कर एक नई मिसाल कायम की है। देवकांत धान की दुलर्भ प्रजातियों की खेती करते हैं बल्कि यह प्रजातियां औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 07:43 PM (IST)

नई दिल्ली। मणिपुर में जैव विविधता को संजोने के माहिर किसान पोतशंगबम देवकांत धान की सौ परंपरागत प्रजातियों की आर्गेनिक खेती कर एक नई मिसाल कायम की है। देवकांत धान की दुलर्भ प्रजातियों की खेती करते हैं बल्कि यह प्रजातियां औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं। इसमें से सर्वश्रेष्ठ है "चखाओ पोरेटन" नाम का काला चावल। इस काले चावल के औषधीय गुणों से वायरल फीवर, नजला, डेंगू, चिकनगुनिया और कैंसर तक ठीक हो सकता है।

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अन्य भारतीय किसानों की ही तरह 60 वर्षीय देवकांत इंफाल में धान के खेतों में घंटों बिताते हैं। लेकिन वह अन्य किसानों से इतर धान की विभिन्न प्रजातियों को उगाते और संरक्षित करते हैं। इस काम के लिए देवकांत ने पूरे मणिपुर का भ्रमण किया है। मणिपुर में काले चावल की कई प्रजातियां उगाई जाती हैं जिनमें से "चखाओ पोरेटन" सर्वश्रेष्ठ है।

कम पानी में उगने वाले धानों की प्रजातियों में शामिल यह प्रजाति सूखे जैसे हालात के लिए भी उपयुक्त है। अपने हरे-भरे खेतों में देवकांत ने धान की 25 प्रजातियों को उगाया है। हालांकि उन्होंने अब तक सौ देसी प्रजातियों को संरक्षित किया है। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर इन प्रजातियों को देश भर में उगाया जा सकता है। धान की प्रजातियों के लिए मणिपुर बहुत ही समृद्ध राज्य है।

मिल चुका है पीपीवीएफआरए अवार्ड

वर्ष 2012 में अपने इस काम के लिए पीपीवीएफआरए संरक्षण अवार्ड (प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैराइटीज एंड फारमर्स राइट्स एक्ट) जीत चुके देवकांत ने पांच बेहद दुलर्भ और आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर और पौष्टिक प्रजातियों को भी संरक्षित किया है जिसमें "चखाओ पोरेटन" नामक काला चावल सर्वोत्तम है।

उन्होंने कम पानी में उपजने वाले सफेद चावल के साथ ही भूरे चावल और काले चावल की कई प्रजातियों का प्रचार-प्रसार भी किया है। उनका दावा है कि "चखाओ पोरेटन" काले चावल से शरीर में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर ठीक हो सकते हैं।

अमीनो एसिड है "चखाओ पोरेटन" में

उनके इस दावे का समर्थन नैचुरोपैथ और आर्गेनिक सलाहकार डॉ. अंजली पाठक ने भी किया है। डॉ. पाठक का कहना है कि "चखाओ पोरेटन" कैंसर रोगियों को खाना चाहिए। बेहद महंगी ऐलोपैथिक दवाइयों और उनके भयानक साइड इफेक्ट को देखते हुए "चखाओ पोरेटन" बहुत ही सुरक्षित उपाय है।

यह काला चावल आयुर्वेदिक औषधि तो है ही, इसे केमिकल रहित उगाने से यह कैंसर को पूरी तरह ठीक करता है। 150 रुपये किलो में बिकने वाले "चखाओ पोरेटन" में अन्य पौष्टिक तत्वों के अलावा अमीनो एसिड भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।


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