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कर्फ्यू से जम्‍मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 6400 करोड़ का नुकसान

जम्‍मू कश्‍मीर में लगातार एक माह से जारी हिंसा में करीब 6400 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस दौरान हुए प्रदर्शनों और हिंसा के कारण्‍ा सभी कारोबारी प्रतिष्‍ठान बंद रहे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 03:08 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 10:07 AM (IST)

श्रीनगर (प्रेट्र)। कश्मीर में पिछले 49 दिनों से जारी अलगाववादियों की हड़ताल और कफ्र्यू से घाटी की अर्थव्यवस्था को अभी तक 6400 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शनों के कारण कश्मीर घाटी में दुकानों से लेकर तमाम कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं।

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पिछले 49 दिनों से टूरिस्ट एवं अन्य कारोबारी गतिविधियां थमी हुई हैं। दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था। इसके बाद से विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में अभी तक 66 लोग मारे जा चुके हैं और हजारों अन्य घायल हो चुके हैं।

वानी की मौत के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में नागरिकों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों ने पूरी तरह हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल के कारण दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय और पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं। अलगाववादी रात के समय राहत दे रहे हैं, लेकिन इससे कारोबारियों को काई फायदा नहीं पहुंच रहा है।

हिंसक भीड़ ने आतंकी को भगाया

दक्षिण कश्मीर के त्राल में शुक्रवार को सुरक्षाबलों की घेराबंदी में फंसे आतंकी स्थानीय लोगों की मदद से बच निकले। ग्रामीणों के पथराव और जुलूस को देखते हुए सुरक्षाबलों ने जान माल के नुकसान से बचने के लिए घेराबंदी उठाना ही बेहतर समझा। जानकारी के अनुसार, दोपहर बाद नूरपोरा-त्राल के ऊपरी इलाके में दो से तीन आतंकी अपने एक संपर्क सूत्र के घर में आए। इसका पता चलते ही सेना, पुलिस व सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने आतंकियों को जिंदा अथवा मुर्दा पकड़ने के लिए उनके ठिकाने की घेराबंदी शुरू कर दी।

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ग्रामीण अपने-अपने घर से बाहर निकल आए। स्थानीय मस्जिदों से भी एलान होने लगा। देखते ही देखते आजादी समर्थक नारेबाजी करते हुए सैकड़ों ग्रामीण वहां जमा हो गए और उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने घेराबंदी तोड़ने का भी प्रयास किया। ¨हसक ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आसूंगैस व लाठियों का भी सहारा लिया। बात नहीं बनी और जनक्षति से बचने के लिए सुरक्षाबलों ने घेराबंदी उठाना बेहतर समझा। इस बीच, आतंकी भी ग्रामीणों की मदद लेते हुए वहां से सुरक्षित भाग निकले।

सीमा पार आतंकवाद पर बहानेबाजी बंद करे पाक

कश्मीर पर वार्ता की रट लगाए पाक को भारत ने फिर दिया तल्ख जवाबनई दिल्ली, प्रेट्र : कश्मीर पर वार्ता की रट लगाए पाकिस्तान को भारत ने फिर तल्ख जवाब दिया है। भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी को लिखे पत्र में दो टूक कहा है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर बहानेबाजी बंद करे। वार्ता के लिए जरूरी है कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद और हिंसा को समर्थन देना बंद करे। साथ ही जल्द से जल्द गुलाम कश्मीर पर अपना अवैध कब्जा छोड़े।

उम्मीद के मुताबिक भारत के इस कड़े रुख पर पाकिस्तान ने फिर अफसोस जताया है। जयशंकर ने यह पत्र पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज चौधरी द्वारा 19 अगस्त को कश्मीर के मुद्दे पर की गई वार्ता की पेशकश के जवाब में लिखा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शुक्रवार को बताया कि इस पत्र के जरिये पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि न सिर्फ भारत बल्कि समूचा क्षेत्र जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

पत्र में विदेश सचिव ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान की सरकार अपने रुख पर पुनर्विचार करेगी और दोनों देशों के रिश्तों की बेहतरी और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए गंभीरता दिखाएगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने जयशंकर के इस तल्ख जवाब पर अफसोस जताया। कश्मीर मुद्दे को तूल देने की कोशिशों के तरह सरताज ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में पी-5 देशों (अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन) और यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के राजदूतों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों की सख्ती का मुद्दा उठाया।

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