Move to Jagran APP

पाकिस्तान की जेलों में हैं 54 भारतीय युद्धबंदी

1965 और 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए 54 भारतीय अभी पाकिस्तान की जेलों में हैं। यह जानकारी एक आरटीआइ के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने दी। आरटीआइ के जरिए ये भी पूछा गया कि सरकार युद्धबंदियों की रिहाई के लिए क्या प्रयास कर रही है। वर्ष 1971 के बाद युद्धबंदियों को छुडा़या क्यों नहीं जा सका।

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 08:47 PM (IST)
पाकिस्तान की जेलों में हैं 54 भारतीय युद्धबंदी

नई दिल्ली। 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए 54 भारतीय अभी पाकिस्तान की जेलों में हैं।

loksabha election banner

यह जानकारी एक आरटीआइ के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने दी। आरटीआइ के जरिए ये भी पूछा गया कि सरकार युद्धबंदियों की रिहाई के लिए क्या प्रयास कर रही है। वर्ष 1971 के बाद युद्धबंदियों को छुडा़या क्यों नहीं जा सका।

मंत्रालय ने जवाब दिया कि सरकार लगातार पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे को उठाती रही है, लेकिन वह अपने यहां युद्धबंदियों की मौजूदगी को स्वीकार नहीं कर रहा। इसके मुताबिक, 2007 में इन युद्धबंदियों के संबंधियों ने पाकिस्तान की जेलों का दौरा भी किया था, लेकिन वे भी यह सुनिश्चित नहीं कर सके कि भारतीय युद्धबंदी वहां कैद हैं।

रक्षा मंत्रालय ने आरटीआइ की एक प्रति विदेश मंत्रालय को भी भेजी है। विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि पाकिस्तान की जेलों में 1965 युद्ध के छह बंदी हैं, जिनके नाम लेफ्टिनेंट वीके आजाद, गनर मदन मोहन, गनर सुज्जन सिंह, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बाबुल गुहा, फ्लाइंग अफसर तेजिंदर सिंह सेठी और स्क्वाड्रन लीडर देव प्रसाद चटर्जी हैं। इसके अलावा वर्ष 71 युद्ध के 48 युद्धबंदी और वहां की जेलों में हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले को देखने के लिए तीन सेवा समितियां बनाई गई हैं।

पढ़ें: भारत ने रिहा किए नौ पाकिस्तानी कैदी

पढ़ें: लगभग छह हजार भारतीय विदेशी जेलों में हैं कैद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.