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उप्र में 50 और किसानों की मौत

कुदरत की मार से कराह रहे किसानों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। उजड़े खेत देखकर कलेजे में उठती हूक अन्नदाता को बेमौत मार रही है। पिछले चौबीस घंटे में और 50 किसान मौत का निवाला बन गए।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 01:18 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 02:52 AM (IST)
उप्र में 50 और किसानों की मौत

लखनऊ [जेएनएन]। कुदरत की मार से कराह रहे किसानों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। उजड़े खेत देखकर कलेजे में उठती हूक अन्नदाता को बेमौत मार रही है। पिछले चौबीस घंटे में और 50 किसान मौत का निवाला बन गए।

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हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में गांव पचौ निवासी राजेश ने फसल बर्बाद होने पर फांसी लगाकर जान दे दी, वहीं अलीगढ़ के बरला थाना क्षेत्र में गांव भवीगढ़ निवासी विजय सिंह ने टे्रन के आगे कूदकर जान दे दी। इलाहाबाद के यासीनपुर उर्फ करनाईपुर निवासी प्यारे लाल ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

कर्ज में डूबे उन्नाव के गांव बछौरा निवासी किसान चंद्रपाल और गांव रायपुर निवासी विश्वनाथ ने फांसी लगा कर जान दे दी। अंबेडकरनगर के डिहवा सस्पना में गांव निवासी भगवानदीन निषाद ने रात में फांसी लगा ली। सुबह बाग में पेड़ से उनका शव लटकता मिला। बरेली के हाफिजगंज के गांव सितरा में किसान सतवीर की बीस बीघा फसल बर्बाद हो गई थी। उनका गांव के एक व्यक्ति से जमीनी विवाद भी चल रहा था। पुलिस द्वारा अनदेखी किए जाने पर सतवीर ने कलेक्ट्रेट में जहर खा लिया। गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती है।

बरेली के मीरगंज तहसील के मंसूरगंज के रामऔतार की सदमे से मौत हो गई। बहेड़ी के गांव मनहेरा के रामदास का शव खेत पर मिला। आशंका है कि उन्होंने जहर खा लिया। बदायूं के तहसील सहसवान के मुजरिया गांव के रामलाल और पीलीभीत के बीसलपुर में नरवीर की सदमे से मौत हो गई। हापुड़ के पिलखुवा के कस्तला की मढैय़ा में सदमे से किसान भोपाल की मौत हो गई।

आगरा के बाह के मझटीला गांव निवासी अंगद सिंह, फतेहाबाद के गांव बिनपुर लटूरी सिंह, बाह के गांव पिढ़ौरा के चंदन सिंह, खेड़ा राठौर में मुकेश सिंह व मथुरा में सुरीर के हरनौल गांव में भगवान ङ्क्षसह और फीरोजाबाद में एका के गांव नगला खेड़ा निवासी अजयपाल ङ्क्षसह यादव फसल की तबाही बर्दाश्त नहीं कर पाए। मैनपुुरी में कुरावली कस्बे के गांव घरनाजपुर के दिनेश, एटा सदर तहसील के गांव नगला प्रेमी निवासी रामसेवक, सोरों के गांव चैलारी में श्रीपाल भी सदमे में चल बसे। रामपुर में पैदावार कम होने के सदमे से भोट थाना क्षेत्र के ग्राम अशोकपुर पट्टी के चन्द्रपाल तथा टांडा के ग्राम हसनपुर के राम सिंह की मौत हो गई।

बर्बाद फसल देख सदमे में उन्नाव के गांव अटिया निवासी अखिलेश व ग्राम सरैया कोटवर निवासी राम भूषण, औरैया के खरगपुर निवासी रामनरेश, महोबा में खरेला कस्बा निवासी शिवपाल सिंह, गाड़ौगांव निवासी हरचरन व श्रीनगर कस्बा निवासी विमला, फतेहपुर के चकसरौली गांव निवासी रामरतन प्रजापति, फर्रुखाबाद में कान्हेपुर निवासी रामस्वरूप तथा गांव मुड़ौल निवासी नंदलाल की मौत हो गई।

इसी तरह नष्ट फसल देख सदमे बाराबंकी के ग्राम दुलहदेपुर निवासी तुलसीराम गौतम, ग्राम उमरपुर मजरे मोहम्मदाबाद निवासी रामकुमार, सुलतानपुर के बुढ़ाना गांव निवासी हरिशंकर पांडेय, धनऊडीह निवासी रामदयाल गुप्ता, फैजाबाद के ओरवा गांव में किसान पचई, बहराइच में चंदामऊ गांव निवासी बाबू यादव व चंदामऊ गांव निवासी बाबू यादव, सीतापुर के पीरपुर गांव निवासी छोटेलाल तिवारी, प्रतापगढ़ के कैथौला गांव निवासी त्रिभुवन नाथ तिवारी, बेती गांव कदमपुर गांव निवासी अयोध्या प्रसाद, शाहबपुर निवासी सतीश पाण्डेय, पूरे शाहकरम अली बरई निवासी साजिदा बानों, वाराणसी के सेवापुरी ब्लाक में किसान गोपाल दुबे, आजमगढ़ जिले के जहानागंज के बरहतिर जगदीशपुर गांव निवासी किसान श्यामधारी यादव और मीरजापुर में किसान लल्लू बिंद की मौत हो गई।

बस्ती के छावनी थाना क्षेत्र के सरसंडा गांव निवासी विजय सिंह, झांसी के पाडऱी निवासी राजू कुशवाहा, गोरखपुर के बरवल ईश्वरी प्रसाद गांव के बरनौली टोला निवासी बसंत गुप्ता, देवरिया के पिपरा नायक निवासी राधेश्याम नायक, महराजगंज के भोलना उर्फ भगवानपुर निवासी चंद्रभान, कानपुर देहात के भोगनीपुर महसील के ग्राम जलालपुर में राजेंद्र शुक्ला व रसूलाबाद तहसील के ग्राम अजनपुर में इंद्रपाल यादव की भी सदमे से मौत हो गई। कानपुर देहात के ग्राम खितारी निवासी रामनाथ ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।

केंद्र व प्रदेश की सरकार किसानों की दुश्मन : मिस्त्री

अमरोहा : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार गरीबों और किसानों की दुश्मन हैं। उनके द्वारा योजनाओं व सहायता के नाम पर जरूरतमंदों को ठगा जा रहा है। इसे कांग्रेस सहन नहीं करेगी। शुक्लपुरी में पार्टी के जिला महामंत्री राजीव शुक्ला के आवास पर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि बेमौसम की बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की खेतों में तैयार खड़ी फसल बर्बाद हो गई, लेकिन खुद को हमदर्द बताने वाली दोनों सरकारें किसानों की सहायता करने के बजाय राजनीति कर रही हैं। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पर तंज कसा कि एक बोलने के महारथी हैं तो दूसरे योजनाओं का पिटारा पीटने के। कांग्रेस इनकी पोल खोलने को दिल्ली के रामलीला मैदान में 19 अप्रैल को रैली करने जा रही है।

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